बारिश में जर्जर स्कूलों पर मंडरा रहा खतरा, सरकार ने पुनर्निर्माण के लिए जारी किए 20 करोड़ रुपये

देहरादून: उत्तराखंड के कई स्कूल जर्जर हालत में हैं और बारिश के दौरान इनकी छतों से प्लास्टर भी टूटकर गिर रहा है। कई भवनों की दीवारों व नींव में दरारें तक आ चुकी हैं। प्राकृतिक आपदाओं से भी अनेक विद्यालय क्षतिग्रस्त भी हुए हैं, जिसके चलते विद्यार्थी जान जोखिम में डालकर पढ़ाई करने को मजबूर भी हैं।

शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने बताया कि प्राकृतिक आपदाओं से क्षतिग्रस्त विद्यालयों का जल्द पुनर्निर्माण भी किया जाएगा। इसके लिए राज्य मोचन निधि से स्वीकृत बजट में से जिलावार धनराशि भी जारी कर दी गई है। सभी मुख्य शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि मार्च 2026 तक पुनर्निर्माण और मरम्मत कार्य पूरा करते हुए उपयोगिता प्रमाण पत्र शिक्षा महानिदेशालय को भी सौंपें।

जिलावार बजट वितरण

  • टिहरी, पौड़ी, उत्तरकाशी, चमोली, अल्मोड़ा, नैनीताल व पिथौरागढ़ – 2-2 करोड़ रुपये
  • देहरादून, हरिद्वार, ऊधमसिंह नगर, रुद्रप्रयाग, चंपावत व बागेश्वर – 1-1 करोड़ रुपये

आवंटित राशि से क्षतिग्रस्त स्कूल भवनों, चाहरदीवारी, खेल मैदान, शौचालय और अन्य परिसंपत्तियों का पुनर्निर्माण व मरम्मत की जाएगी। सरकार ने अधिकारियों से निर्माण कार्यों की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के भी स्पष्ट निर्देश भी दिए हैं।

शिक्षा मंत्री ने बताया कि राज्य मोचन निधि से विद्यालयी शिक्षा के लिए कुल 30 करोड़ रुपये स्वीकृत भी किए गए हैं, जिनमें से प्रथम चरण में 20 करोड़ की धनराशि जारी की गई है। शेष राशि भी जल्द ही जारी की जाएगी, ताकि किसी भी जिले में छात्रों की पढ़ाई बाधित भी न हो।