देहरादून में विरासत महोत्सव 2025 का आयोजन, भारतीय और विश्व कलाओं का रंगारंग उत्सव

देहरादून। राजधानी देहरादून में विरासत आर्ट एंड हेरिटेज महोत्सव-2025 का आयोजन 4 अक्टूबर से 18 अक्टूबर तक भी किया जाएगा। महोत्सव का शुभारंभ राज्यपाल करेंगे व विश्व प्रसिद्ध उस्ताद अमजल अली खान के सरोद वादन से इस सांस्कृतिक पर्व की शुरुआत भी होगी। यह महोत्सव लोक व शास्त्रीय संगीत, नृत्य, कला, शिल्प और इतिहास की समृद्ध संस्कृति का जीवंत उत्सव भी है।

महोत्सव का उद्देश्य

विरासत के संस्थापक आरके सिंह ने बताया कि यह महोत्सव भारत की समृद्ध कलात्मक परंपराओं व धरोहर को प्रदर्शित करने वाला एक वार्षिक कार्यक्रम है। यह कलाकारों और शिल्पकारों को भारतीय संस्कृति के सार को बनाए रखते हुए अपनी कलाओं को प्रस्तुत करने का मंच भी प्रदान करता है। उन्होंने बताया कि महोत्सव की शुरुआत 1995 में देश की महारत्न कंपनी ओएनजीसी के सहयोग से ही हुई थी।

मुख्य आकर्षण

इस 15 दिवसीय महोत्सव में कई सत्र और गतिविधियां शामिल होंगी:

  • हेरिटेज शोकेस सत्र: देहरादून के स्कूल और कॉलेज के युवा कलाकार अपनी प्रतिभा दिखाएंगे।
  • शिल्प कार्यशालाएं: कुशल कारीगरों के नेतृत्व में विभिन्न शिल्प कौशल सिखाए जाएंगे।
  • हेरिटेज क्विज़ प्रतियोगिता और शिल्प ट्रेज़र हंटिंग जैसी मनोरंजक और ज्ञानवर्धक गतिविधियां।
  • विशेष सत्र: दिव्यांग छात्रों के लिए भी कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे।

मंच और थीम

मंच को भारत के ऐतिहासिक स्थल, कर्कोटा राजवंश के कश्मीरी राजा ललितादित्य मुक्तापीड़ द्वारा बनाए गए सूर्य मंदिर की छवि में भी सजाया गया है। यह कश्मीरी वास्तुकला का महत्वपूर्ण उदाहरण भी है और जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग जिले के केहरीबल गांव के पास स्थित है।

 

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शिल्प और स्टॉल

महोत्सव में विशिष्ट हथकरघा व शिल्प, मिट्टी के बर्तन, लकड़ी और धातु शिल्प, चमड़ा शिल्प सहित विभिन्न राज्यों के शिल्पकार अपने स्टॉल लगाएंगे।

संगीत और नृत्य का रंग

महोत्सव में भारत व पड़ोसी देशों की लोक और शास्त्रीय कलाओं का प्रदर्शन होगा:

  • लोक नृत्य और लोकगीत: उप्रेती बहनों द्वारा छोलिया, उत्तराखंड का लोकनाट्य चक्रव्यूह
  • शास्त्रीय नृत्य: तमिलनाडु का भरतनाट्यम, आंध्र प्रदेश का कुचिपुड़ी और कथक
  • अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शन: श्रीलंका, किर्गिस्तान और बेलारूस के लोक संगीत और नृत्य
  • वाद्य संगीत कार्यक्रम: हिंदुस्तानी और कर्नाटक शास्त्रीय संगीत, ग़ज़ल और सूफ़ी संगीत की प्रस्तुतियां

विरासत महोत्सव 2025 एक ऐसा मंच है जो भारतीय सांस्कृतिक विरासत व विश्व कलाओं को एक साथ समेटता है, और कला प्रेमियों के लिए यह 15 दिन का रंगारंग उत्सव साबित होगा।