
दिवाली के बाद होंगे 33 हजार ग्राम पंचायत सदस्यों के उपचुनाव, राज्य निर्वाचन आयोग तैयार करेगा नया प्रस्ताव
उत्तराखंड में दिवाली के बाद होंगे ग्राम पंचायत उपचुनाव — 33,114 पद अब भी खाली
देहरादून। उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायतों के रिक्त पदों पर उपचुनाव अब दिवाली के बाद ही कराए जाएंगे। प्रदेशभर में ग्राम पंचायत सदस्यों के 33,114 पद अब भी खाली हैं। पहले इन उपचुनावों की तैयारी 15 अक्टूबर तक पूरी करने की योजना भी थी, लेकिन अब प्रक्रिया को आगे भी बढ़ाया जाएगा।
पंचायती राज सचिव चंद्रेश कुमार ने बताया कि राज्य निर्वाचन आयोग ने त्रिस्तरीय पंचायतों में खाली पदों पर चुनाव कराने का प्रस्ताव भी भेजा था, जिस पर शासन से अनुमोदन भी मिल चुका था। हालांकि आयोग ने फिलहाल उपचुनाव की तिथियों के प्रस्ताव को स्थगित भी कर दिया है और कहा है कि चुनाव कार्यक्रम नई तिथियों के साथ पुनः जारी किया जाएगा।
ग्रामीणों ने नहीं दिखाई रुचि
राज्य निर्वाचन आयोग के अनुसार, उपचुनाव के तहत प्रदेश की पंचायतों में 55,587 पदों पर चुनाव प्रस्तावित थे (हरिद्वार को छोड़कर)। लेकिन इनमें से अधिकांश पदों पर नामांकन नहीं भरे गए या ग्रामीणों ने चुनाव में रुचि नहीं दिखाई, जिसके चलते 33,114 पद खाली ही रह गए।
4843 ग्राम पंचायतों में गठन अधूरा
पंचायती राज विभाग के मुताबिक, ग्राम पंचायत सदस्यों के चुनाव में नामांकन न होने के कारण प्रदेश की 4843 ग्राम पंचायतों में दो-तिहाई सदस्य निर्वाचित नहीं हुए, जिससे इन पंचायतों का गठन ही नहीं हो सका।
इन जिलों में नहीं बन पाई पंचायतें
कोरम पूरा न होने से निम्न जिलों में पंचायत गठन अधूरा रह गया है —
- देहरादून: 117 ग्राम पंचायतें
- पौड़ी गढ़वाल: 819
- उत्तरकाशी: 303
- अल्मोड़ा: 925
- पिथौरागढ़: 378
- चमोली: 448
- नैनीताल: 330
- ऊधमसिंह नगर: 98
- टिहरी गढ़वाल: 680
- बागेश्वर: 272
- चंपावत: 265
- रुद्रप्रयाग: 208
वजहें
विभागीय सूत्रों के अनुसार, ग्राम पंचायतों का गठन न हो पाने की प्रमुख वजहें हैं —
- नामांकन न होना
- कोरम पूरा न होना
- नाम निर्देशन पत्र जमा न होना
- उच्च न्यायालय में लंबित मुकदमे
- दो-तिहाई सदस्यों के निर्वाचित न होना
हालांकि, विभाग ने स्पष्ट किया कि इन ग्राम पंचायतों में प्रधान निर्वाचित हैं, और प्रशासनिक कार्य सीमित स्तर पर जारी हैं।