भाजपा विधायक महंत दिलीप सिंह रावत का पलटवार—हरक सिंह रावत की बयानबाज़ी को बताया ‘राजनीतिक दिवालियापन’
कांग्रेस नेता हरक सिंह रावत द्वारा लगातार भाजपा नेताओं पर दिए जा रहे बयानों पर अब भाजपा विधायक महंत दिलीप सिंह रावत ने कड़ा रुख भी अपनाया है। पार्टी मुख्यालय में मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने हरक सिंह की टिप्पणी को “राजनीतिक दिवालियापन” और “डिप्रेशन की राजनीति” भी करार दिया।
महंत दिलीप सिंह रावत ने कहा कि हरक सिंह रावत इन दिनों कांग्रेस में अपनी राजनीतिक स्थिति मजबूत करने के दबाव में हैं और अपने ही प्रतिद्वंदी प्रीतम सिंह गोदियाल से आगे निकलने की कोशिश में भाजपा नेताओं पर अनर्गल आरोप भी लगा रहे हैं। उन्होंने तंज कसते हुए कहा— “हरक का कोई भरोसा नहीं। जब कांग्रेस में उनकी नहीं सुनी जाएगी तो शायद कल वे कहें कि राहुल गांधी को राजनीति उन्होंने सिखाई, राजीव गांधी को पीएम उन्होंने ही बनाया, और नेहरू इसलिए नहीं सिखा पाए क्योंकि वे पहले पैदा भी हो गए थे।”
भाजपा विधायक ने कहा कि हरक सिंह की बयानबाज़ी से यह नहीं लगता कि वे कोई वरिष्ठ नेता हैं। “वे गली-मोहल्ले की भाषा भी बोल रहे हैं। कोई नेता यह कैसे कह सकता है कि ‘मैंने किसी को रोटी खिलाई, पानी पिलाया।’ जीवन में सभी की मदद होती है—हरक की भी कई लोगों ने मदद की होगी।
भाजपा नेताओं की डिग्री व शिक्षा पर हरक सिंह द्वारा सवाल उठाए जाने पर भी महंत रावत ने कटाक्ष भी किया। उन्होंने कहा— “कई लोग डिग्रियां ले लेते हैं, पर वे मेहनत से ली हैं या चमचागिरी से—यह अलग बात है। हरक सिंह खुद बताएं कि उनकी डाक्टरी की डिग्री से कौन-सा बड़ा योगदान देश या समाज को मिला है—किताब लिखी? शोध किया? कोई मिलिट्री साइंस में उपलब्धि?”
विधानसभा चुनाव में भाजपा की हार की भविष्यवाणी पर भी उन्होंने करारा जवाब भी दिया। उन्होंने कहा कि पिछले चुनाव में हरक सिंह के कोटद्वार व श्रीनगर में दिए गए भाषणों में जीत के बड़े दावे किए गए थे, लेकिन परिणाम इसके बिल्कुल विपरीत रहे और दोनों सीटों पर कांग्रेस को करारी हार भी मिली।
अंत में भाजपा विधायक ने कहा कि हरक सिंह रावत को राजनीति में समृद्धि के लिए अपनी विचारधारा स्पष्ट भी करनी चाहिए, न कि भाजपा पर बेबुनियाद आरोप लगाकर कांग्रेस में अपनी जगह मजबूत करने की कोशिश भी करनी चाहिए।