बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति की सेवा नियमावली, धार्मिक परंपराओं का सम्मान

बदरीनाथ केदारनाथ मंदिर समिति ने सेवा नियमावली को ऐतिहासिक बताया है। समिति का कहना है कि नियमावली में धार्मिक परंपराओं व हक-हकूकधारियों का पूरा ध्यान रखा गया है।

 

बीकेटीसी के कुछ सदस्यों ने नियमावली पर सवाल करते हुए बीते शुक्रवार को धाम में रैली निकाली थी। अब समिति के कई सदस्यों व पदाधिकारियों ने संयुक्त विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि बीकेटीसी अध्यक्ष अजेंद्र अजय के नेतृत्व में ऐतिहासिक कार्य हुए हैं। 1939 में अंग्रेजों के समय समिति का गठन किया गया था, लेकिन बीकेटीसी के कार्मिकों के लिए सेवा नियमावली नहीं थी।

 

वर्तमान समिति ने कार्मिकों की नियुक्तियों व पदोन्नति में पारदर्शिता के लिए सेवा नियमावली बनाई। इसे शासन को भेजने से पहले समिति की विशेष बैठक बुलाई गई थी। जिसमें सभी सदस्य मौजूद रहे थे। इसमें परंपराओं व धार्मिक मान्यताओं का पूरा ध्यान रखा गया है। कहा कि यदि किसी को कोई आशंका है तो विवाद के बजाय वार्ता से समाधान किया जा सकता है। बयान जारी करने वालों में बीकेटीसी उपाध्यक्ष किशोर पंवार, सदस्य डॉ. वीरेंद्र असवाल, श्रीनिवास पोस्ती, हरेंद्र शर्मा, कृपा राम सेमवाल, नंदा देवी, रणजीत सिंह राणा, पुष्कर जोशी, राजपला जड़धारी, अजय प्रकाश उनियाल शामिल रहे।