समान नागरिक संहिता में संशोधन: पंजीकरण की शक्तियों को लेकर नियमों में बदलाव

समान नागरिक संहिता (यूसीसी) से संबंधित नियमों में अहम संशोधन भी किए गए हैं। विशेष रूप से, नियम 4 के उपनियम (3) के खंड (क) में बदलाव करते हुए पंजीकरण की शक्तियों में विस्तार भी किया गया है।

अब तक ग्रामीण क्षेत्रों में केवल ग्राम पंचायत विकास अधिकारी या उनके प्रभार में कार्यरत व्यक्ति को पंजीकरण का अधिकार भी प्राप्त था। लेकिन संशोधन के बाद अब ‘व्यक्ति’ के स्थान पर ‘अधिकारी या कर्मचारी’ शब्द भी जोड़ा गया है। इसका उद्देश्य पंजीकरण प्रक्रिया को अधिक व्यावहारिक और लचीला भी बनाना है।

इसके साथ ही, राज्य सरकार द्वारा नामित किसी भी कर्मचारी को भी अब पंजीकरण की शक्ति भी प्रदान की जा सकेगी। इस कदम से सरकारी तंत्र में अधिक समन्वय व सुगमता की उम्मीद की जा रही है।

इसके अलावा, इसी उपनियम में एक नया खंड (ड) जोड़ा गया है, जिसमें सब रजिस्ट्रार को विशेष शक्तियाँ प्रदान की गई हैं। यह संशोधन अधिवक्ताओं की उस मांग के बाद किया गया है, जिसमें उन्होंने सब रजिस्ट्रार को पहले की तरह पंजीकरण संबंधी अधिकार देने की अपील की थी। अधिवक्ताओं का कहना था कि इससे उनके कार्यों पर कोई प्रतिकूल प्रभाव भी नहीं पड़ेगा।

गौरतलब है कि यह संशोधन रजिस्ट्रीकरण अधिनियम, 1908 के तहत सब रजिस्ट्रार को अधिकार देते हुए लागू किया गया है।