41 मजूदरों के फंसने के 38 दिन बाद उत्तरकाशी सिलक्यारा सुरंग का निर्माण कार्य दोबारा से शुरू

41 मजूदरों के फंसने के 38 दिन बाद उत्तरकाशी सिलक्यारा सुरंग का निर्माण कार्य दोबारा से शुरू हो गया है। कंपनी सबसे पहले बड़कोट सिरे से काम कर रही है। जांच होने के बाद सिलक्यारा सिरे से भी सुरंग निर्माण भी शुरू किया जाएगा। केवल 480 मीटर ही सुरंग बची हुई है।

उधर, केंद्र की मोदी सरकार की कैबिनेट ने ऑपरेशन सिलक्यारा की सफलता पर बधाई प्रस्ताव पास किया है, जिसके मिनट्स केंद्रीय सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने जारी किए हैं। चारधाम ऑलवेदर परियोजना के तहत यमुनोत्री मार्ग पर बन रही सिलक्यारा-बड़कोट सुरंग में 12 नवंबर को सुबह मलबा गिरने की वजह से 41 मजूदर अंदर फंस गए थे।

17 दिन लंबे बचाव अभियान के बाद आख़िरकार मजदूरों को सकुशल बाहर निकाल लिया गया था, लेकिन तब से ही सुरंग के निर्माण का काम बंद भी पड़ा है। मंत्रालय की ओर से गठित विशेषज्ञ जांच समिति ने सिलक्यारा हादसे की जांच भी शुरू कर दी है। 4.531 किमी लंबी सिलक्यारा-बड़कोट सुरंग का अब केवल 480 मीटर हिस्सा ही बचा हुआ है।

इस हिस्से के निर्माण के लिए नवयुगा कंपनी ने बड़कोट सिरे से काम भी शुरू कर दिया है। जांच पूरी होने के बाद सिलक्यारा की ओर वाले सिरे में भी काम शुरू किया जाएगा। बताया जा रहा कि सुरंग का निर्माण नए वर्ष में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।

सिलक्यारा सुरंग हादसे की जांच करने के बाद टीम वापस दिल्ली लौट गई है। टीम ने यहां करीब 4 दिन तक जांच पड़ताल की है। अब यह जांच टीम मंत्रालय को अपनी प्राथमिक जांच रिपोर्ट देगी। इसके आधार पर ही सुरंग के सिलक्यारा हिस्से का काम भी शुरू किया जाएगा। फिर टीम को एक महीने में विस्तृत रिपोर्ट देनी है।

एनएचआईडीसीएल को सिकल्यारा रेस्क्यू ऑपरेशन में लगी कंपनियों के बिल का भी इंतजार है। तमाम कंपनियों ने अपनी मशीनरी को यहां मंगाकर बचाव अभियान में हिस्सा भी लिया था। उनके बिल आने के बाद ही एनएचआईडीसीएल इसका पूरा खर्च नवयुगा कंपनी से वसूल करेगा।

पीएम मोदी की कैबिनेट ने भी ऑपरेशन सिलक्यारा को सराहा है। नवंबर महीने में हुई बैठक के मिनट्स परिवहन मंत्रालय ने जारी किए हैं। इसमें 4 पेज की एक रिपोर्ट भी रखी गई है I जिसमें बताया गया कि 41 मजदूरों के फंसने, उन्हें बाहर निकालने और अंत में खोडुस (रैट माइनर्स) अभियान को अंत तक पहुंचाने का जिक्र करते हुए बचाव दलों की प्रशंसा भी की गई है। अभियान के दौरान पीएम नरेंद्र मोदी से लेकर सीएम पुष्कर सिंह धामी, परिवहन राज्य मंत्री जनरल वीके सिंह (सेनि.) की सक्रियता और निगरानी की भी तारीफ की गई। साथ ही पीएमओ के पूर्व सलाहकार भाष्कर खुल्बे, एनएचआईडीसीएल के एमडी महमूद अहमद और राज्य सरकार के सचिव डॉ. नीरज खैरवाल की सक्रियता की भी तारीफ की गई है।

एनएचआईडीसीएल, निदेशक, अंशु मनीष खल्खो ने कहा सुरंग के सिलक्यारा सिरे से जांच के बाद ही काम भी शुरू होगा, लेकिन बड़कोट सिरे से कंपनी ने काम शुरू भी कर दिया है। हालाकी अभी जांच टीम की रिपोर्ट प्राप्त नहीं हुई है। बचाव में लगी कंपनियों के बिल के आधार पर ऑपरेशन के खर्च का कुल बिल निर्माण कंपनी को ही दिया जाएगा।