वैश्विक निवेशक सम्मेलन में उत्तराखंड प्रदेश के युवा अलग-अलग क्षेत्रों की अपनी खोज को औद्योगिक धरातल पर उतारने की ख्वाहिश लेकर पहुंचे।

वैश्विक निवेशक सम्मेलन में उत्तराखंड प्रदेश के युवा अलग-अलग क्षेत्रों की अपनी खोज को औद्योगिक धरातल पर उतारने की ख्वाहिश लेकर पहुंचे। किसी ने सबसे सस्ती बना दी ई-बाइक्स तो किसी ने फार्मिंग ड्रोन जो है किसानों का मददगार। किसी ने उद्योगों से होने वाले कार्बन उत्सर्जन से बचाव का सिस्टम तैयार किया है तो किसी ने उद्योगों में मोबाइल रोबोट भारी वजन उठाने के लिए।

रिपोर्ट : शुभम कोठारी

  • मोबाइल रोबोट

हरिद्वार के स्टार्टअप उमा रोबोटिक्स के संस्थापक सुचित शर्मा एक मोबाइल रोबोट लेकर वैश्विक निवेशक सम्मेलन में पहुंचे। सुचित शर्मा ने बताया कि ये मोबाइल रोबोट 200 किलो से 2000 किलो तक वजन उठा सकते हैं। एक बार मोबाइल रोबोट को कमांड देने के बाद ये ऑटो मोड में सामान पहुंचा सकता है। बीच में कोई बाधा आने पर मोबाइल रोबोट खुद सिचुएशन को हैंडल करेगा। सिडकुल हरिद्वार के अलावा दिल्ली के कई उद्योगों में सुचित शर्मा का मोबाइल रोबोट चल रहे हैं। सुचित शर्मा इससे पहले बर्लिन में कोविड के दौरान मोबाइल रोबोट से सबसे पहली डिलीवरी करके सुर्खियों में आ चुके हैं। जर्मनी में 8 साल तक सेवाएं देने के बाद अब सुचित शर्मा वतन वापस आए और उमा रोबोटिक्स की स्थापना की। सुचित शर्मा का कहा कि उद्योगों में भारी वजन उठाने का काम इंसानों को करने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इस मोबाइल रोबोट से पूरा काम हो सकता है।

  • फार्मिंग ड्रोन

आईआईटी रुड़की के युवा फार्मिकोन स्टार्टअप के मालिक निखिल पंवार किसानों का मित्र ड्रोन लेकर वैश्विक निवेशक सम्मेलन में पहुंचे। निखिल पंवार ने बताया कि वे आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस की मदद से खेती-किसानी को स्मार्ट बनाने के लिए वह काम कर रहे हैं। फार्मिंग ड्रोन से किसान 15 से 20 मिनट में एक एकड़ के खेत में पेस्टीसाइड का स्प्रे कर सकते हैं। किसानों को मौसम की पूरी जानकारी भी दे रहे हैं। निखिल पंवार ने बताया कि क्रॉप डॉक्टर का ऐप लांच किया गया है, जिसके तहत किसानों को अपनी फसल की तस्वीर सिर्फ ऐप पर अपलोड करनी है और ऐप से पता चल जाएगा कि फसल को कोई बीमारी तो नहीं है। ऑर्गेनिक फार्मिंग के लिए हम किसानों को बाजार भी उपलब्ध करा रहे हैं। वेयर हाउस के लिए हम किसानों को कोल्ड स्टोरेज भी उपलब्ध करा सकते हैं। विभिन्न मंडियों में फसल के मूल्य की भी जानकारी किसानों को मोबाइल ऐप के माध्यम से उपलब्ध करा रहे हैं।

  • ई-बाइक्स / ई-रेसिंग कार

उत्तराखंड के युवा फ्लक्स मोटर्स स्टार्टअप के मालिक विकास शाह ई-वाहनों लेकर वैश्विक निवेशक सम्मेलन में पहुंचे। ई-रेसिंग कार के अलावा अब विकास शाह ने दो ई-बाइक्स भी तैयार की है। विकास शाह कई महीनों से सफल ट्रायल कर रहे हैं। विकास शाह ने बताया कि बाजार में वैसे तो बहुत से ई-स्कूटर मौजूद हैं लेकिन ई-बाइक्स उस स्तर की नहीं है। जो ई-बाइक्स है तो वे बहुत महंगी और विदेशी भी हैं। हमने मेड इन इंडिया ई-बाइक्स तैयार की है, जिनकी कीमत 90 हजार से 1 लाख 20 हजार रुपये तक है। ये बाइक एक बार चार्ज होने में करीब 20 रुपये की बिजली ही खर्च करेगी और चलेगी 250 किलोमीटर । इस ई-बाइक्स की टॉप स्पीड 120 किमी प्रति घंटा तक रखी गई है। देहरादून के मोहब्बेवाला इंडस्ट्रियल एरिया में शुरुआती उत्पादन शुरू कर दिया है, अगले वर्ष मार्च महीने में उनकी ई-बाइक्स सड़क पर दौड़ती भी नजर आएगी।

  • जीरो वेस्ट सीओ-2 कैप्चर डिवाइस

यूसी स्टार्टअप के डॉ. टी सिन्हा और गौरव द्विवेदी ने जीरो वेस्ट सीओ-2 कैप्चर डिवाइस का प्रोटोटाइप तैयार कर वैश्विक निवेशक सम्मेलन में पहुंचे। डॉ. टी सिन्हा और गौरव द्विवेदी ने बताया कि जनवरी महीने में इसका पहला प्लांट ऑयल इंडिया कंपनी में लगाया जा रहा है। पीएम नरेंद्र मोदी ने जी-20 में जिस प्रकार 2027 तक जीरो कार्बन उत्सर्जन पर जोर दिया है, उस हिसाब से डॉ. टी सिन्हा और गौरव द्विवेदी का ये डिवाइस काफी कारगर होने वाली है। डॉ. टी सिन्हा और गौरव द्विवेदी ने बताया कि उद्योग इसे अपने परिसर में लगाएंगे तो उनका पूरा कार्बन उत्सर्जन ये जीरो वेस्ट सीओ-2 कैप्चर डिवाइस सोख लेगा। इससे निश्चित तौर पर कार्बन उत्सर्जन में भारी कमी भी आएगी।