भू कानून और मूल निवास पर अब बनेंगी समितियां, बोले सीएम धामी-संवाद से करेंगे सभी मुद्दों का हल
भू-कानून और मूल निवास के मुद्दे पर गरमाई सियासत के बीच सीएम धामी ने भू कानून की सिफारिशों और मूल निवास को लेकर उच्चस्तरीय समितियां बनाने के निर्देश दिए हैं। समिति मूल निवास प्रमाण पत्र के प्रारूप के संबंध में हो रही बातों का परीक्षण भी करेगी। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक, अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में जल्द समितियों का गठन भी हो सकता है।
सीएम धामी ने कहा कि सरकार पहले ही साफ कर चुकी है, जिन नागरिकों के पास मूल निवास प्रमाण पत्र होगा, उन्ह नागरिकों को स्थायी निवास प्रमाण पत्र समेत अन्य प्रमाण पत्रों की जरूरत नहीं होगी। और सीएम ने कहा कि भू-कानून के संबंध में समिति द्वारा सौंपी गई सिफारिशों के बारे में प्रारूप तैयार करने के लिए एक कमेटी भी बनाई जाएगी। इसके लिए अधिकारियों को निर्देश भी दे दिए गए हैं। सीएम, जो लोग इस दिशा में काम कर रहे हैं, उनसे मेरा कहना है कि सकारात्मक संवाद के जरिये सभी मुद्दों के समाधान निकालेंगे।
बता दें कि प्रदेश में सशक्त भू-कानून और मूल-निवास प्रमाण पत्र को लेकर देहरादून में 24 को महारैली का आयोजन किया जा रहा है। सरकार से स्थायी निवास प्रमाण पत्र और मूल निवास प्रमाण पत्र को लेकर स्थिति स्पष्ट करने की मांग की जा रही है। इसी के दृष्टिगत सीएम के निर्देश पर सामान्य प्रशासन विभाग ने बीते बुधवार को आदेश जारी किया कि जिनके पास मूल-निवास प्रमाण-पत्र है, उनके लिए स्थायी निवास प्रमाण-पत्र की बाध्यता नहीं होगी। सरकार इस पूरे मामले को संवाद के जरिये हल करना चाहती है।
पूर्व मुख्य सचिव सुभाष कुमार की अध्यक्षता में गठित भू-कानून समिति ने सितंबर 22 में सरकार को अपनी सिफारिशें सौंप दी थी। लेकिन शासन स्तर पर समिति की सिफारिशों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है। भू-कानून समिति ने राज्य में जमीन खरीदने के मानकों को कड़ा करने, राज्य के प्रत्येक भूमिधर को भूमिहीन होने से बचाने, निवेश के नाम पर ली जाने वाली भूमि पर लगने वाले उद्यम में राज्य के 70 प्रतिशत लोगों को रोजगार देने, प्रदेश में 12.50 एकड़ से अधिक भूमि के आवंटन पर रोक लगाने समेत कई अन्य सिफारिशें की हैं।
सीएम धामी ने कहा मूल निवास प्रमाण पत्र जिनके पास होंगे, उन्हें अन्य प्रमाण पत्रों की जरूरत नहीं होगी। उत्तराखंड के राज्य के हित में जो भी होगा, उसे सकारात्मक संवाद के जरिये किया जाएगा। और साथ ही सीएम धामी ने कहा कि समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के लिए गठित विशेषज्ञ समिति अगले माह यानी जनवरी में सरकार को रिपोर्ट दे देगी। इसके बाद हम इसे राज्य में लागू करने की दिशा में आगे भी बढ़ेंगे।
बता दें कि सीएम 22 जनवरी को अयोध्या में राम मंदिर के उद्घाटन के बाद यूसीसी को लागू करने के लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुलाए जाने के संकेत भी दे चुके हैं।