भगवान बदरीनाथ के अभिषेक के लिए राजदरबार में तिल का तेल पिरोया गया, राजदरबार से ही रवाना होगी गाडू घड़ा कलश यात्रा

भगवान बदरीनाथ के अभिषेक के लिए राजदरबार में तिल का तेल भी पिरोया गया। नरेंद्रनगर राजमहल में महारानी माला राजलक्ष्मी शाह के नेतृत्व में नगर की सुहागिन महिलाओं के द्वारा ही पिरोया गया। पीला वस्त्र धारण कर महिलाओं ने विधि विधान के साथ उपवास रख तिलों का तेल को पिरोया।

 

नरेंद्रनगर राजदवार से आज गुरुवार शाम 6 लगभग गाडू घड़ा तेल कलश यात्रा ऋषिकेश के लिए रवाना होगी। भगवान बदरीनाथ के अभिषेक के उपयोग में लाया जाने वाला तिल का तेल नरेंद्रनगर राजदरबार में ही पिरोया जाता है। और यह तेल गाड़ू घड़ा में डाला में जाता है।

 

इसी के साथ गाडू घड़ा तेल कलश यात्रा नरेंद्रनगर राजदरबार से रवाना होगी और शाम को ऋषिकेश में पहुंच जाएगी। इसके बाद 12 मई को सुबह 6 बजे बदरीनाथ धाम के कपाट विधि-विधान से तीर्थयात्रियों के दर्शनार्थ खोल दिए जाएंगे।

 

श्री बदरीश डिमरी धार्मिक केंद्रीय पंचायत के अध्यक्ष आशुतोष डिमरी ने बताया कि धार्मिक परंपराओं के अनुसार नरेंद्रनगर में महारानी माला राजलक्ष्मी शाह व सुहागिनों की ओर से तिल का तेल पिरोकर पवित्र गाडूघड़ा में भी डाला जाएगा।

 

डिमरी पुजारी गाडू घड़ा तेल कलश यात्रा का शुभारंभ करेंगे। विभिन्न पड़ावों से होते हुए 28 अप्रैल को यात्रा डिम्मर गांव में पहुंचेगी।

 

7 मई तक गाडूघड़ा तेल कलश लक्ष्मी नारायण मंदिर में स्थापित भी कर दिया जाएगा। 8 को यात्रा सिमली, कर्णप्रयाग होते हुए पाखी गांव में पहुंचेगी। 9 को नृसिंह मंदिर जोशीमठ व 10 को यात्रा आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी, बदरीनाथ के रावल (मुख्य पुजारी), धर्माधिकारी और वेदपाठियों के साथ रात्रि प्रवास के लिए योगध्यान मंदिर पांडुकेश्वर में पहुंचेगी।

 

11 को महाभिषेक और बाल भोग के बाद यात्रा बदरीनाथ धाम पहुंचेगी व 12 मई को विधि-विधान के साथ कपाट खोल दिए जाएंगे।