बारिश के बाद: जलभराव की चुनौतियों का सामना कर रहे दुर्गा कॉलोनी लोग

हल्द्वानी में बरसात के कारण जलभराव की दुश्वारियां झेल रहे आंवला चौकी स्थित दुर्गा कॉलोनी के 50 प्रभावित परिवारों के लिए बीते मंगलवार का सूरज बड़ी राहत लेकर आया। आपदा के दिए जख्मों से लड़कर प्रभावित फिर से जीवन को संजोने में जुट गए हैं। हालांकि जीवन को फिर से पटरी पर लाना प्रभावितों के लिए चुनौती से कम नहीं है।

दुर्गा कॉलोनी में झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले मजदूर परिवारों के लिए दो जुलाई की रात भयावह रही। भारी बारिश के चलते पुलिया चोक होने के कारण देर रात कॉलोनी जलमग्न हो गई। घरों में रखा राशन और सामान जलभराव की भेंट चढ़ गया। कई मवेशी भी जलभराव में डूबने से मर गए। लोगों ने किसी बच्चों को बचाया और उन्हें सड़क पर लाए। 30 परिवारों को भारी बारिश के बीच सड़क पर ही रात गुजारनी पड़ी।

बता दें कि  इन परिवारों को खाने के भी लाले पड़े हैं। प्रशासन की ओर से बांटा गया राशन भी जल्द समाप्त हो गया है। बारिश के चलते लोग मजदूरी के लिए भी नहीं जा सके। बीते मंगलवार को मौसम खुलने पर मजदूरों ने राहत की सांस ली मौसम खुलने के बाद गाँव के सभी मजदुर आपन–अपने कामों पर गए जबकि घर में महिलाओं ने बारिश में भीगे सामनों को धूप में सुखाया।

वहीं प्रभावित चंद्रकला ने बताया कि जलभराव से राशन और सामान खराब हो गया। सांप के काटने से उसकी तीन भैंसें मर गई हैं। इससे रोजी रोटी का संकट खड़ा हो गया है। चटनी और नमक से रोटी खाकर जीवन गुजार रहे हैं। साथ हि प्रभावित सुंदर देवी ने बताया कि जलभराव ने सबकुछ खत्म कर दिया। धूप आने पर मजदूरी के लिए जा पाए। वहीं रजनी देवी ने बताया कि जलभराव से राशन बर्बाद हो गया। बारिश काफी नुकसान कर गई।

बता दें कि दुर्गा कॉलोनी निवासी शबनम के जख्म जलभराव ने फिर से ताजा कर दिए। शबनम ने बताया कि बीते साल झोपड़ी में आग लगने से उसकी दिव्यांग बेटी के कागजात जल गए थे। इसके बाद से वह लगातार विभागों के चक्कर काट रही हैं लेकिन उनकी बेटी को दिव्यांग पेंशन नहीं मिल पा रही है। बरसात में घर का राशन और जरूरी सामान बर्बाद हो गया। अब दिव्यांग बेटी की परवरिश कैसे होगी, यही चिंता सता रही है।