प्रधानमंत्री ने मांगे थे उत्तराखंड से 5 कमल, बाजी मार गए अजय टम्टा, इसलिए मिला मौका

लोकसभा चुनाव में अल्मोड़ा सीट पर हैट्रिक लगाने वाले सांसद अजय टम्टा ने दोबारा केंद्र सरकार में मंत्री बनने में सफलता भी हासिल की है। केंद्र से लेकर प्रदेश की राजनीति में वह जातीय समीकरणों में फिट बैठे जिसका लाभ उन्हें व प्रदेश को भी मिला है।

 

उत्तराखंड बीजेपी में जातीय समीकरणों के लिहाज से उन्हें अनुसूचित जाति वर्ग का सांसद होने का लाभ भी मिला है। प्रदेश अध्यक्ष पद पर पंडित चेहरा व क्षत्रिय चेहरे के रूप में मुख्यमंत्री पहले से हैं। ऐसे में सारे कयासों को विराम देते हुए पीएम 3.0 में जगह पाने में अजय टम्टा कामयाब भी हुए। बीजेपी ने केंद्र में अजय टम्टा को मंत्रिमंडल में शामिल कर प्रदेश और देश की राजनीति में जातीय समीकरणों को साधने का काम भी किया है।

 

विधानसभा अध्यक्ष ब्राह्मण, राज्यसभा सदस्य नरेश बंसल बनिया तो कल्पना सैनी महिला व ओबीसी समुदाय से हैं। बीजेपी के पक्ष में क्लीन स्वीप करने वाले राज्यों की सूची में शामिल उत्तराखंड से अल्मोड़ा के सांसद अजय टम्टा को दूसरी बार केंद्र सरकार में मंत्री बनने का मौका भी मिला है।

 

17वीं लोकसभा छोड़ दी जाए तो वह 16वीं लोकसभा में मोदी की पहली कैबिनेट में कपड़ा राज्यमंत्री भी रहे। तीसरे चुनाव में जीत की हैट्रिक लगाकर दिल्ली पहुंचने वाले अजय पर एनडीए सरकार ने फिर से भरोसा जताते हुए केंद्र में मंत्री बनाकर जातीय समीकरण पर साधे हैं। अनुसूचित जाति के चेहरे को केंद्र सरकार में मंत्री बनाकर हर वर्ग को प्रतिनिधित्व का मौका बीजेपी ने दिया है।

 

लोकसभा चुनाव प्रचार में जब पीएम नरेंद्र मोदी ऋषिकेश आए थे, तो उन्होंने देवभूमि के लोगों से 5 कमल मांगे थे। 5 सीटें जिताकर उत्तराखंड ने प्रधानमंत्री को अपना तोहफा दे दिया, लेकिन अपने दम पर बीजेपी की सरकार न बनने और बदली हुई परिस्थितियों में गठबंधन की सरकार गठन की संभावना के बीच उत्तराखंड को पीएम से रिटर्न गिफ्ट मिलने की संभावनाएं भी फिफ्टी-फिफ्टी थीं, लेकिन टम्टा को मंत्री बनाकर प्रधानमंत्री ने राज्य की मुराद पूरी कर दी।

 

टम्टा को इसलिए मिला है मौका

वर्ष    अजय टम्टा जीतें

2014     95,690 मतों से जीते

2019    2,32,986 वोटों से जीत

2024    आरक्षित सीट पर जनता ने उन्हें लगातार तीसरी बार संसद में भेजा है वो भी रिकॉर्ड 2,34000 से अधक मतों से।