निवेशक सम्मेलन में आने वाली सेवा क्षेत्र की कंपनियों को आईटी सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए रानीपोखरी में आईटी टावर बनेगा।

निवेशक सम्मेलन में आने वाली सेवा क्षेत्र की कंपनियों को आईटी सेवाएं उपलब्ध कराने के लिए रानीपोखरी में आईटी टावर बनेगा। वहीं, अब तक सम्मेलन के लिए करीब 2000 करोड़ के एमओयू हो चुके हैं। टीसीएस, इंफोसिस, अडानी ड्रोन जैसी कंपनियां अपने निवेश के पत्ते वैश्विक निवेशक सम्मेलन के दौरान ही खोलेंगी। इनसे बड़े निवेश की उम्मीद जताई जा रही है।

आईटी के क्षेत्र में कंपनियों को लुभाने के लिए सरकार ने खास तैयारियां की हैं। आईटीडीए की निदेशक नितिका खंडेलवाल के मुताबिक, अभी तक आईटी सेक्टर में काम करने वाली कंपनी ई-कुबेर से 1600 करोड़ और डाटा सेंटर क्षेत्र में काम करने वाली कंट्रोल-एस कंपनी से 250 करोड़ का एमओयू हो चुका है। उन्होंने बताया कि टीसीएस, इंफोसिस, अडानी ड्रोन जैसी कंपनियां निवेशक सम्मेलन के दौरान ही अपने निवेश प्रस्ताव भी रखेंगी।

वहीं, हैक्सावेयर टेक्नोलॉजी अपने कारोबार को और बढ़ाने के लिए निवेशक सम्मेलन में प्रस्ताव लेकर आ रही है। इसके अलावा भी कई अन्य आईटी क्षेत्र की कंपनियां राज्य में आईटी सेक्टर को मजबूत बनाने के इरादे से आएंगी। माना जा रहा है कि आईटी के क्षेत्र में इंफोसिस करीब 5000 करोड़ का प्रस्ताव दे सकती है। कुल मिलाकर आईटी सेक्टर में 10,000 करोड़ से ऊपर के निवेश की संभावना है। वहीं, आईटी विभाग ने तय किया है कि जो भी सर्विस सेक्टर की कंपनियां बेहतर इंटरनेट कनेक्टिविटी, फोन कनेक्टिविटी चाहेंगी, उनके लिए रानीपोखरी में सिडकुल की जमीन पर आईटी टावर बनाया जाएगा। इसमें 1000 सीट क्षमता रहेगी। जिस पर अलग-अलग फ्लोर पर कंपनियां अपना सेटअप कर सकती हैं। उन्हें कनेक्टिविटी से जुड़ी हर सुविधा प्लग एंड प्ले फार्मूले के तहत इस टावर में ही उपलब्ध कराई जाएंगी। इससे स्थानीय स्तर पर युवाओं के लिए रोजगार के अवसर भी पैदा होंगे।

आईटीडीए निदेशक नितिका खंडेलवाल ने बताया कि नीतियों में संशोधन या फिर नई नीति लाने का लाभ निवेशकों को मिलेगा। ड्रोन नीति की अधिसूचना जारी हो चुकी है। इस नीति के तहत अडानी ड्रोन ने रूचि दिखाई है। कंपनियों को यहां ड्रोन के क्षेत्र में बेहतर काम करने का मौका व माहौल मिलेगा। वहीं, आईटी संबंधी कई नीतियों को निवेशकों के लिहाज से सरल बनाया गया है।