नकली दवा फैक्ट्री प्रकरण में दून पुलिस की बडी कार्यवाही दिल्ली, बिहार, उत्तरप्रदेश, मध्य प्रदेश आदि में करीब 44 स्थानों पर की जाती थी नकली दवाओं की सप्लाई

  • मुख्य अभियुक्त द्वारा देश के विभिन्न राज्यों: दिल्ली, बिहार, उत्तरप्रदेश, मध्य प्रदेश आदि में करीब 44 स्थानों पर की जाती थी नकली दवाओं की सप्लाई
  • विगत 02 वर्षों के दौरान की गयी थी लगभग 07 करोड रू0 मूल्य की नकली दवाओं की सप्लाई।
  • माह सितम्बर 2023 में दिल्ली के एक सप्लायर को 90 लाख रू0 मूल्य की नकली दवाओं की खेप की गयी सप्लाई ।
  • विभिन्न राज्यों में नकली दवाओं की खेप के जब्तीकरण हेतु एसएसपी देहरादून ने स्पेशल टीम का गठन कर किया रवाना।
  • ड्रग कंट्रोलर देहरादून को अभियुक्त द्वारा सप्लाई की गयी नकली दवाओं के सप्लायरों की सूची आवश्यक कार्यवाही के लिए कराई गयी उपलब्ध।
  • विभिन्न राज्यों केे सम्बन्धित पुलिस अधीक्षको को अपने स्तर से नकली दवाओं के जब्तीकरण के लिए किया गया पत्राचार।

दिनाँक: 14-10-23 को थाना रायपुर पुलिस और एसओजी की संयुक्त टीम द्वारा जनपद देहरादून व हरिद्वार में नकली दवाओं की फैक्ट्री पर छापा मारते हुए भारी मात्रा में नकली दवाओं को बरामद करते हुए मुख्य अभियुक्त सचिन शर्मा को गिरफ्तार किया गया था। जिसके सम्बन्ध में थाना रायपुर पर भादवि पंजीकृत किया गया।

इस दौरान नकली दवाओं के व्यापार में लिप्त अभियुक्तों के खातों से लाखों रू0 के बैंक ट्रांजेक्शन का होना पाया गया था, साथ ही नकली दवाओं की खेप को देश के अलग-अलग राज्यो में करीब 44 स्थानों पर सप्लाई किया जाना प्रकाश में आया था। इस सम्बन्ध में वाणिज्य कर विभाग से सम्पर्क कर अभियुक्तों की बैंक डिटेल्स से सम्बन्धित डाटा प्राप्त किया गया।

जिसमें वर्ष 2022 व 2023 के दौरान 02 वर्षो में लगभग 07 करोड रु0 मूल्य की दवाओं को अभियुक्तों द्वारा देश के अलग-अलग स्थानों पर सप्लाई किये जाने की जानकारी मिली थी, साथ ही दिल्ली के एक सप्लायर को 90 लाख रू0 मूल्य की दवाए माह सितम्बर में सप्लाई किया जाना प्रकाश में आया।

इस सम्बन्ध में एसएसपी देहरादून द्वारा तत्काल स्पेशल टीम गठित करते हुए उक्त स्थानों पर नकली दवाओं की रिकवरी के लिए रवाना की गई हैं, जिससे उक्त नकली दवाओं को उपभोक्ताओं तक पहुंचने से रोका जा सके। इसके अतिरिक्त ड्रग कंट्रोलर देहरादून को पत्राचार कर उनके माध्यम से सम्बन्धित स्थानों के स्वास्थय विभाग के ड्रग कंट्रोलर से सम्पर्क स्थापित किया जा रहा है।

साथ ही सम्बन्धित जिलों के पुलिस अधीक्षकों को भी इस सम्बन्ध में अपने स्तर से स्वास्थय विभाग के अधिकारियो के साथ समन्वय स्थापित करते हुए उक्त दवाओं को जब्त करने की कार्यवाही किये जाने के लिए पत्राचार किया जा रहा है।