जोशीमठ भू-धंसाव : एक वर्ष से किराये के घर में रहने को मजबूर है 24 परिवार

पिछले वर्ष भू-धंसाव के बाद जोशीमठ के कई वार्डों में 181 भवन असुरक्षित घोषित किए गए थे। इन मकानों में रहने वाले परिवार राहत शिविरों में भी चले गए थे, जिनमें से 24 परिवार ऐसे भी हैं, जो अभी तक किराये के मकानों में ही रह रहे हैं।

उन्होंने घर का कुछ सामान तो बेच भी दिया था, जबकि बचा सामान क्षतिग्रस्त मकानों में ही रखा हुआ है, जबकि तहसील प्रशासन ने बीते साल नवंबर तक का तो किराया दिया, लेकिन अब तो किराया भी खुद ही देना पड़ रहा है। आपदा प्रभावितों का कहना है कि आपदा ने घर ही छीन लिया, जिससे किराये के मकान में रहने के लिए भी मजबूर हैं।

मनोहर बाग वार्ड के लक्ष्मी प्रसाद सती का कहना है कि आपदा से मकान के चारों ओर दरारें आ गई थीं, जिस कारण पूरा परिवार ही राहत शिविर में चला गया था। पांच महीने तक शिविर में रहे, इसके बाद नगर में ही किराये के कमरों पर रह रहे हैं। लक्ष्मी प्रसाद सती का दो कमरों का मकान था। दो गाय व एक गोशाला भी थी। आपदा के बाद से ही गोशाला व पशु बेच दिए। घर की जरूरी वस्तुएं रखीं व अन्य सामान बेचना पड़ा। उन्हें तहसील प्रशासन की ओर से बीते साल नवंबर महीने तक के किराये का भुगतान किया गया था। अब खुद ही किराया देना भी पड़ रहा है।

रविग्राम वार्ड के गजेंद्र सिंह ने बताया, उनका भी दो कमरों का ही मकान था, जो की भू-धंसाव के कारण क्षतिग्रस्त हो गया था। दो महीने तक राहत शिविर में रहे, उसके बाद से ही क्षतिग्रस्त मकानों में ही वापस लौट गए। हालांकि, तहसील प्रशासन की ओर से बीते नवंबर महीने तक के किराये का ही भुगतान किया गया था।