उत्तराखंड विधानसभा सत्र के चौथे दिन भोजनावकाश के बाद बजट पर चर्चा शुरू हुई, पढ़ें अब तक क्या-क्या हुआ

उत्तराखंड विधानसभा सत्र के चौथे दिन भोजनावकाश के बाद बजट सत्र पर चर्चा शुरू हुई। इससे पहले सदन में नियम 58 के तहत आरक्षण पर भी चर्चा हुई। बीजेपी विधायक दुर्गेश्वर लाल, बृजभूषण गैरोला, प्रदीप बत्रा, बंशीधर भगत और सुरेश चौहान ने बजट को सर्वस्पर्शी बताया। उन्होंने कहा, बजट उत्तराखंड को वैश्विक स्तर पर नई पहचान भी दिलाएगा। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने कहा, सरकार सीधे तौर पर आरक्षण को खत्म ही करना चाहती है।

 

वहीं संसदीय कार्यमंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा, आरक्षण की मूल भावना में कोई भी बदलाव नहीं होगा। किसी को इससे नुकसान भी नहीं होगा। जिस भर्ती का रिजल्ट जारी हो जाएगा, एक महीने के भीतर जॉइनिंग भी दी जाएगी। अगर निर्धारित अवधि में जॉइन नहीं किया तो उसका अभ्यर्थन को निरस्त करते हुए, उसी रिजल्ट के दूसरे अभ्यर्थियों को मौका भी दिया जाएगा। विपक्ष का आरोप है कि आरक्षण सही नहीं दिया गया है। वहीं प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा, स्वीकृत पदों के सापेक्ष ही आरक्षण का प्रावधान भी है। रिक्तियों में आरक्षण का प्रावधान ही नहीं है।

 

वहीं बिजली सरचार्ज पर नियम 58 के तहत बसपा विधायक मोहम्मद शहजाद ने मांग की बिजली सरचार्ज माफ करने की योजना भी लाई जाए। क्योंकि बिजली बिल में सरचार्ज ज्यादा होने की वजह से उपभोक्ता भी परेशान है। संसदीय कार्यमंत्री प्रेमचंद अग्रवाल ने कहा कि पहले से ही किसानों को निजी नलकूप और छोटे घरेलू उपभोक्ताओं को रियायती दरों पर बिजली भी दी जा रही है। सरचार्ज माफी की कोई योजना फिलहाल तो प्रस्तावित नहीं है। नियामक आयोग हर वर्ष जनसुनवाई के बाद बिजली दरें तय करता है।

 

भुवन कापड़ी ने कहा कि पशुपालन विभाग ने तो निराश्रित पशुओं के लिए 80 रुपये प्रतिदिन का भी प्रावधान किया है, लेकिन सरकार ने नौनिहालों के मिड डे मील में प्राथमिक स्तर पर केवल 5.25 और उच्चतर प्राथमिक स्तर पर 8.70 रुपये तय किया भी हुआ है। बजट में इसे बढ़ाया भी जाए। महिला उद्यमी समेत कई अन्य योजनाओं का बजट भी बढ़ाया जाए। आंदोलनकारियों का चिन्हीकरण भी किया जाए।

 

कांग्रेस विधायक राजेन्द्र भंडारी ने अपने क्षेत्र की सड़कों के लिए बजट का प्रावधान करने की मांग उठाई। बीजेपी विधायक अनिल नौटियाल ने गैरसैण के लिए बजट 20 करोड़ से बढ़ाकर 100 करोड़ करने की भी मांग उठाई।

विधानसभा में बीते बुधवार देर रात तक चली सदन की कार्यवाही के दौरान विपक्ष के विरोध और सत्तापक्ष के समर्थन के बीच राज्यपाल के अभिभाषण पर भी धन्यवाद प्रस्ताव पारित हो गया। चर्चा के दौरान सत्ता पक्ष के विधायकों ने अभिभाषण को राज्य के लिए विकासपरक भी बताया। विपक्ष ने इसका विरोध भी किया। सदन पर चर्चा के दौरान सत्ता व विपक्ष ने अपने कुछ सुझाव भी रखे।

 

बदरीनाथ विधायक राजेंद्र सिंह भंडारी ने कहा, सिलक्यारा से बड़ा हादसा जोशीमठ में ही हुआ। यहां 1200 परिवार डेंजर जोन में भी आ गए। आपदा सचिव ने बैठक कराते हुए शहर में ऐलान किया कि यह सभी परिवार को हटेंगे। विधायक ने कहा, इन परिवारों के विस्थापन के बजाए जोशीमठ शहर का ही ट्रीटमेंट किया जाए। प्रभावितों को बिजली, पानी और कर से छूट भी मिले।

 

क्षेत्रीय विधायक ने कहा, क्षेत्र में आपदा से श्रमिकों के सामने रोजी रोटी का संकट भी पैदा हो गया है। विधायक ने यह भी कहा कि, औली में करोड़ों की लागत से बर्फ बनाने की मशीन भी ली गई । जिससे एक दिन भी बर्फ नहीं बनी है। विद्यालयों की स्थिति की खराब भी है। विद्यालयों की छत भी टपक रही है। उडामांडा, चौंडी, जोशीमठ, ईराणाी, सोरणा और बछेत आदि विद्यालय भवन ठीक नहीं है। कम छात्र संख्या वाले विद्यालय तोड़ भी दिए गए हैं। उन्हें बंद भी कर दिया गया है। जिन्हें फिर से खोला जाए। उच्च शिक्षा में गोपेश्वर महाविद्यालय में श्रीदेव सुमन विश्वविद्यालय का कैंपस खोलने के बाद बंद भी कर दिया गया है। जिससे छात्र-छात्राओं को अब टिहरी जाना पड़ रहा है।

 

बीजेपी विधायक प्रमोद नैनवाल ने कहा, प्रधानमंत्री ने घोषणा की है कि 21वीं सदी का तीसरा दशक उत्तराखंड का दशक होगा। उन्होंने यह भी बताया कि सरकार ने यूसीसी को पास भी कराया। इसके अलावा नकल विरोधी कठोर कानून बनाया। विधायक बिशन सिंह चुफाल ने कहा, सशक्त प्रदेश बने इसके लिए पर्यटन की नीति भी बनाई है। पौराणिक मंदिरों को चिन्हित कर उन्हें मानस खंड के रूप में चयनित भी किया। वह हमारी पहचान और संस्कृति भी है। उन्होंने कुछ सुझाव रखे। विधायक ने कहा, पहाड़ में बंदरों व जंगली जानवर की वजह से खेत बंजर भी हो रहे हैं। बंदरों की समस्या से निपटने के लिए उनका बंध्याकरण भी किया जाए। उन्होंने आपदा व सड़कों की समस्या को भी उठाया।

 

विधायक ममता राकेश ने कहा, सरकार ने भगवानपुर क्षेत्र में मेडिकल कॉलेज खोलने का आश्वासन भी दिया था, लेकिन इस दिशा में अभी तक कुछ नहीं हुआ। यदि क्षेत्र में मेडिकल कॉलेज खुलता तो उत्तराखंड के साथ- साथ यूपी के लोगों को भी इसका लाभ मिलता। विधायक सुमित हृदयेश ने कहा, क्षेत्र में वैश्विक सम्मेलन के लिए लोगों की दुकानें भी तोड़ी गई। जिन्हें कोई मुआवजा तक नहीं दिया गया। उप नेता सदन भुवन कापड़ी ने बताया क्षेत्र की कई कंपनियां वापस भी चली गई हैं।

 

विधानसभा में देर रात तक चली कार्रवाई के दौरान राज्य सरकार के वित्तीय वर्ष 2024-2025 के बजट पर भी चर्चा शुरू हो गई। नेता प्रतिपक्ष यशपाल आर्य ने बजट को दिशाहीन भी बताया। उन्होंने कहा, बजट समावेशी नहीं है, निराशावादी है। इसमें सिर्फ शब्दों की बाजीगरी की गई है। रोडमैप नहीं है, जो यथार्थ से परे भी है। नेता प्रतिपक्ष ने इसे लक्ष्यविहीन बजट बताते हुए कहा कि इसमें संभावनाओं की अनदेखी भी की गई है। उन्होंने इसे किसान विरोधी भी बताया है।