उत्तराखंड विधानसभा में यूसीसी का विधेयक लाने के बाद बीजेपी के तरकश में एक और तीर आ गया है।

उत्तराखंड विधानसभा में यूसीसी का विधेयक लाने के बाद बीजेपी के तरकश में एक और तीर आ गया है। अयोध्या में श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा व भव्य मंदिर निर्माण के मुद्दे के साथ बीजेपी अब लोकसभा चुनाव में यूसीसी के मुद्दों को भी भुनाएगी।

 

पार्टी पूरी तरह आश्वस्त है कि धार्मिक आस्था व सामाजिक ताने-बाने का कानूनी बंधन राज्य के वोटरों को रिझाने में जादू का काम भी करेगा। बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट कहते हैं कि देश में एक समान कानून हो, यह बीजेपी का दशकों पुराना एजेंडा भी है। इस एजेंडे पर हमारी सरकार ने ऐतिहासिक पहल भी की है।

 

जिन मुद्दों को असंभव माना जा रहा था, उन्हें केंद्र की मोदी सरकार व राज्य की धामी सरकार ने एक-एक कर जमीन पर भी उतारा है। अयोध्या में भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर का संकल्प पूरा होने जा रहा है। भगवान श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा भी हो चुकी है और अब राज्य में यूसीसी का कानून बनाने के लिए विधानसभा में बिल लाकर पारित करा दिया गया है।

 

लोकसभा चुनाव में पार्टी इन दोनों मुद्दों को लेकर जनता के बीच में भी जाएगी। बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने भी साफ कर दिया कि वह राम मंदिर के साथ यूसीसी के मुद्दे पर प्रचार करने से भी पीछे नहीं रहेगी।

 

सदन में यूसीसी बिल पेश होने के बाद इसके बारे में बीजेपी के प्रमुख नेताओं को जानकारी भी दी गई। उन्हें यूसीसी की खूबियों के बारे में भी बताया गया। अब ये सभी प्रमुख नेता पार्टी के सभी मोर्चों को बेटियों और महिलाओं के बराबरी के अधिकार से लेकर विवाह पंजीकरण, तलाक, लिव इन रिलेशनशिप और वसीयत से संबंधित जानकारियां भी देंगे। सभी मोर्चे व प्रकोष्ठ के नेता अपने-अपने संगठन के हिसाब से कार्यकर्ताओं तक जानकारी भी पहुंचाएंगे और फिर इसकी खूबियों को बूथ स्तर तक भी पहुंचाएंगे। नुक्कड़ बैठकें, गोष्ठी, पार्टी सम्मेलन कराने के निर्देश भी जारी कर सकती है।

 

राम मंदिर व यूसीसी के मुद्दे को प्रचारित करने के संकेत सदन के अंदर सत्ता पक्ष के सदस्यों ने दे दिए हैं। यूसीसी बिल पर चर्चा के दौरान तकरीबन सभी मंत्रियों और बीजेपी सदस्यों ने अयोध्या में भगवान राम के मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा का जिक्र भी किया। सदन में विपक्ष के एतराज के बावजूद यूसीसी के साथ राम मंदिर चर्चा में भी छाया रहा।