उत्तराखंड में करीब 16 लाख घरों में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने, विद्युत आपूर्ति नेटवर्क को मजबूत करने और राजधानी की बिजली लाइन को भूमिगत करने की योजना I

उत्तराखंड में करीब 16 लाख घरों में स्मार्ट प्रीपेड मीटर लगाने, विद्युत आपूर्ति नेटवर्क को मजबूत करने और राजधानी की बिजली लाइन को भूमिगत करने की योजनाओं को उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग ने आख़िरकार मंजूरी दे दी है । इस मंजूरी के बाद इन योजनाओं को आगे बढ़ाने में यूपीसीएल (UPCL) को और आसानी होगी ।

यूपीसीएल (UPCL) ने नियामक आयोग में रिवैम्प्ड डिस्ट्रिब्यूशन सेक्टर स्कीम (आरडीएसएस) योजना के तहत दो कार्यों (15,84,205 स्मार्ट प्रीपेड मीटर व बिजली आपूर्ति के सुदृढ़ीकरण) की मंजूरी के लिए याचिका दायर की थी । नियामक आयोग में अध्यक्ष डीपी गैरोला और सदस्य तकनीकी एमके जैन की पीठ ने सुनवाई के बाद बीते बृहस्पतिवार को अपना फैसला सुनाया।

आयोग ने नियमानुसार इस योजना का टेंडर करने, कार्यों से संबंधित पूरी जानकारी आयोग को उपलब्ध कराने की शर्त के साथ इस योजना को मंजूरी भी दे दी है । यूपीसीएल ने दूसरी याचिका देहरादून में 977 करोड़ की लागत से एडीबी की सहयोग से बिजली लाइन भूमिगत करने की दायर की थी अब इस पर भी आयोग अध्यक्ष डीपी गैरोला, सदस्य तकनीकी एमके जैन की पीठ ने मंजूरी दी है । इसके साथ ही यूपीसीएल को निर्देश दिए कि वह टेंडर निकालकर न्यूनतम दरों पर इसका आवंटन करे। दोनों याचिकाओं में आयोग ने इनके संबंध में राज्य सरकार की ओर से जारी सहमतिपत्र की कॉपी एक महीने के भीतर जमा कराने के लिए कहा है । अब यूपीसीएल इन योजनाओं को अमली जामा पहना सकेगा ।

 

स्मार्ट मीटर टेंडर निरस्त होने के मामले में यूपीसीएल के एमडी अनिल कुमार ने अपना रुख स्पष्ट किया है। अनिल कुमार ने कहा, आरडीएसएस योजना के तहत लॉस रिडक्शन का टेंडर निरस्त किया जा चुका है वही स्मार्ट मीटर संबंधी टेंडर के विश्लेषण को अभी बोर्ड सदस्यों के पास भेजा गया है। इस पर आगामी बोर्ड बैठक में निर्णय होगा । अनिल कुमार ने कहा कि अभी स्मार्ट मीटर के टेंडर निरस्त नहीं हुए हैं ।