आग उगलते सूरज की गर्मी से ग्लेशियर तेजी से पिघल रहे, नदियों का जलस्तर बढ़ने लगा, मई में ही डूबे नमामि गंगे के घाट
आग उगलते सूरज की गर्मी से ग्लेशियर भी तेजी से पिघल रहे हैं, जिससे नदियों का जलस्तर बढ़ने लगा है। अलकनंदा व मंदाकिनी नदी का जलस्तर बढ़ने से रुद्रप्रयाग में नामामि गंगे परियोजना के तहत बने सभी घाट भी जलमग्न हो गए हैं। तेज वेग से बह रहीं दोनों नदियों का जलस्तर मई माह में ही बरसात के मौसम जैसा हो गया है। वहीं, मौसम की बेरुखी से अन्य स्थानों पर प्राकृतिक जलस्रोतों का पानी भी तेजी से कम हो रहा है।
गुरुवार को मुख्यालय में तापमान भी 38 डिग्री दर्ज भी किया गया। मई माह में जिले में पड़ रही भीषण गर्मी से घाटी क्षेत्र ही नहीं, ऊपरी पहाड़ी गांव के लोग बेहाल हैं। केदारघाटी के गुप्तकाशी, ऊखीमठ, फाटा, सोनप्रयाग व गौरीकुंड में भी सुबह से चटक तेज धूप से आमजन व यात्री भी परेशान हो रहे हैं। गुप्तकाशी के वयोवृद्ध वचन सिंह पंवार बताते हैं कि पहली बार पहाड़ के ऊपरी क्षेत्रों में सूरज की तपन असहनीय भी हो रही है। रमेश जमलोकी उत्तराखंडी का कहना है कि पर्यटन व तीर्थाटन के नाम पर पहाड़ में जो मानव जाम लग रहा है वह गर्मी बढ़ने का प्रमुख कारण भी है। वातानुकूलित होटल, रेस्टोरेंट और लॉज के निर्माण से पहाड़ की ठंडक ही खत्म हो रही है।
हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विवि के उच्च शिखरीय पादप शोध संस्थान के निदेशक डॉ. विजयकांत पुरोहित का कहना है कि इस वर्ष गर्मी अपने चरम पर भी है, जो प्रकृति व पर्यावरण के लिए शुभ ही नहीं है। उन्होंने बताया कि शीतकाल में पर्याप्त बारिश और बर्फबारी नहीं होने व वनाग्नि की घटनाएं बढ़ने से वातावरण में आर्द्रता भी कम हो गई है। इस कारण गर्मी का प्रकोप भी बढ़ रहा है। गर्मी बढ़ने से ग्लेशियर तेजी से भी पिघल रहे हैं जिससे नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है, जो शुभ ही नहीं है।
11750 फीट की ऊंचाई पर स्थित केदारनाथ में भी इस बार मौसम का मिजाज बदला हुआ ही है। यहां सुबह 9 बजे के बाद धूप की तपन भी तेज हो रही है। दोपहर तक तापमान 15 डिग्री से 18 डिग्री तक पहुंच रहा है। गढ़वाल मंडल विकास निगम के कर्मचारी गोपाल सिंह रौथाण ने बताया कि यात्रियों का कहना है कि केदारनाथ में धूप की तपन मैदानी क्षेत्रों से ज्यादा महसूस भी हो रही है। केदारनाथ पुनर्निर्माण से जुड़े सेवानिवृत्त कैप्टन सोवन सिंह बिष्ट का कहना है कि बीते साल की तुलना में इस बार केदारनाथ में मौसम काफी बदला हुआ भी है। बारिश नाममात्र हो रही है व रात को भी ठंड का असर भी ज्यादा नहीं है।