नैनीताल लोकसभा सीट पर शुरुआती चुनावी रुझान में बीजेपी आगे, यहां बीजेपी के अजय भट्ट, कांग्रेस उम्मीदवार से आगे चल रहे हैं, किसके सिर सजेगा जीत का ताज?

नैनीताल लोकसभा सीट पर शुरुआती चुनावी रुझान में भाजपा आगे चल रही है। यहां बीजेपी के अजय भट्ट, कांग्रेस उम्मीदवार से आगे चल रहे हैं। नैनीताल लोकसभा सीट के लिए मंगलवार को होने वाली मतगणना का भाजपा व कांग्रेस समेत सभी दस प्रत्याशियों और उनके समर्थकों को बेसब्री से इंतजार है। मंगलवार दोपहर बाद तक इस बात का फैसला हो जाएगा कि नैनीताल ऊधमसिंह नगर लोकसभा सीट में सांसद का ताज किसके सिर पर सजेगा। नैनीताल-ऊधमसिंह नगर संसदीय सीट के लिए प्रथम चरण में 19 अप्रैल को मतदान प्रक्रिया संपन्न हुई थी। इस सीट के लिए भाजपा प्रत्याशी अजय भट्ट, कांग्रेस प्रत्याशी प्रकाश जोशी, बसपा के अख्तर अली, यूकेडी के शिव सिंह समेत दस उम्मीदवार मैदान में थे। मतदाताओं ने किसके भाग्य का उदय किया है, यह आज साफ हो जाएगा।

 

नैनीताल और यूएसनगर सीट पर वोटिंग का ब्योरा

साल मत प्रतिशत
2004 48.87
2009 58.65
2014 68.00
2019 68.83
2024 61.75

 

भाजपा प्रत्याशी अजय भट्ट का कहना है कि पूरे देश में भाजपा के पक्ष में माहौल बना हुआ है। देश का वातावरण मोदीमय है। उन्होंने कहा कि नैनीताल-ऊधमसिंह नगर की जनता उन्हें भारी मतों से चुनाव जितवा रही है। कहा कि प्रदेश की पांचों सीटों पर भाजपा भारी मतों से चुनाव जीत रही है। जनता नरेंद्र मोदी को तीसरी बार प्रधानमंत्री बनाने जा रही है। नैनीताल-ऊधमसिंह नगर लोकसभा सीट के लिए 19 अप्रैल को हुए मतदान के बाद आज एमबीपीजी कालेज में सुबह आठ बजे से मतगणना शुरू होगी। जिला निर्वाचन आयोग की ओर से मतगणना की सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। सोमवार को जिला निर्वाचन अधिकारी वंदना सिंह की मौजूदगी में मतगणना कार्मिकों का विधानसभावार रेंडमाइजेशन (एलॉटमेंट) किया गया। नैनीताल जिले के पोस्टल बैलेट की गणना ऊधमसिंह नगर में होगी। लोकसभा चुनाव के नोडल अधिकारी विशाल मिश्रा और सहायक जिला निर्वाचन अधिकारी फिंचा राम चौहान ने बताया कि मतगणना के लिए छह विधानसभाओं में 84 टेबल लगाई जाएंगी। प्रत्येक विधानसभा में 14 टेबल होंगी। मतगणना के लिए 378 कार्मिकों को ड्यूटी पर लगाया है। इसमें 144 मतगणना माइक्रोआब्जर्वर, 114 मतगणना सुपरवाइजर और 120 मतगणना सहायक शामिल हैं। हर विधानसभा में 47 कार्मिक मतगणना के लिए तैनात किए हैं। 96 कार्मिक रिजर्व में रखे गए हैं। इधर, सोमवार को अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों के लिए नियुक्त किए गए तीनों प्रेक्षकों गगनदीप सिंह बरार, राजू मोगाविरा और महेश विश्वास ने एमबीपीजी कॉलेज का निरीक्षण कर मतगणना की तैयारियों का जायजा लिया।उन्होंने कार्मिकों को मतगणना कार्य में सावधानी बरतते हुए अपने कार्यों को अंजाम देने के निर्देश दिए I एमबीपीजी कॉलेज में मतगणना का कार्य आज सुबह आठ बजे से शुरू हो जाएगा। जिला निर्वाचन आयोग से जुड़े अधिकारियों की मानें तो सुबह साढ़े आठ बजे तक पहले राउंड के मतों की गिनती पूरी हो जाएगी। लालकुआं और रामनगर विधानसभा क्षेत्र के मतों की गिनती सबसे पहले पूरी हो जाएगी। बताया कि लालकुआं और रामनगर में कुल 11-11 राउंड की मतगणना होगी। नैनीताल व भीमताल में 12-12 राउंड, हल्द्वानी में 14 राउंड और कालाढूंगी में 16 राउंड की मतगणना होगी। कालाढूंगी और हल्द्वानी विधानसभा का परिणाम सबसे देर में आएगा। उप जिला निर्वाचन अधिकारी फिंचा राम चौहान का दावा है कि सुबह आठ बजे से शुरू होने वाली मतगणना का काम दोपहर दो बजे तक पूरा करा लिया जाएगा। एमबीपीजी कॉलेज के कंट्रोल रूम से विधानसभावार मतगणना का डाटा ऊधमसिंह नगर भेजा जाएगा और अंतिम परिणाम ऊधमसिंह नगर से जारी होंगे। चौहान ने बताया कि रामनगर विधानसभा सीट के मतों की गणना एमबीपीजी कॉलेज में होगी जबकि रामनगर के पोस्टल बैलेट की गणना पौड़ी में होगी। उप जिला निर्वाचन अधिकारी फिंचा राम चौहान ने बताया कि मतगणना स्थल पर मोबाइल फोन प्रतिबंधित रहेगा। चुनाव ड्यूटी में लगाए गए अधिकारियों व कार्मिकों को मतगणना स्थल तक पहुंचने से पहले ही अपने मोबाइल जमा कराने होंगे। केवल ऑब्जर्वर और एआरओ को ही मोबाइल ले जाने की अनुमति होगी। कार्मिकों को सोमवार को मेडिकल कॉलेज सभागार में अंतिम प्रशिक्षण दिया गया। इस दौरान निर्वाचन आयोग की ओर से नियुक्त प्रेक्षक गगनदीप सिंह बरार, राजू मोगाविरा व महेश विश्वास ने कार्मिकों का आह्वान किया कि वह टीम वर्क की तरह मतगणना के कार्य को अंजाम दें। इस दौरान मास्टर ट्रेनरों ने मतगणना को लेकर कार्मिकों की शंकाओं का भी समाधान किया। उप जिला निर्वाचन अधिकारी पीआर चौहान ने ईवीएम व वीवीपैट के संचालन के लिए आयोग के मानकों का अनुपालन सुनिश्चित करने को कहा। माई सिटी रिपोर्टर I मतगणना पर नजर रखने के लिए निर्वाचन आयोग की ओर से नियुक्त प्रेक्षक मतगणना स्थल का स्थलीय निरीक्षण करेंगे। इसके बाद वह एमबीपीजी कॉलेज में स्थित एमसीएमसी कक्ष में बैठकर वहां लगाई गई नौ स्क्रीनों से मतगणना के प्रत्येक कक्ष पर नजर रखेंगे। मतगणना ड्यूटी में तैनात कार्मिकों के लिए अलग अलग रंगों के परिचय पत्र जारी किए गए हैं। यही नहीं ईवीएम मशीनों को मतगणना कक्ष तक लाने ले जाने वाले कार्मिक भी मंगलवार को अलग-अलग कलर की टी शर्ट पहने नजर आएंगे। नोडल अधिकारी/नगर आयुक्त विशाल मिश्रा मतगणना सुपरवाईजर को पीले रंग का परिचय पत्र, मतगणना सहायक को गुलाबी, माइक्रोआब्जर्वर को हल्के हरे रंग का परिचय पत्र दिया है।

 

  1. नैनीताल लोकसभा सीट पर 1952 और 57 के चुनावों में यहां से कांग्रेस के टिकट पर दिग्गज नेता गोविंद बल्लभ पंत के दामाद सीडी पांडे और फिर 1962, 67 और 71 के मध्यावधि चुनावों में गोविंद बल्लभ पंत के पुत्र केसी पंत कांग्रेस से ही लगातार तीन बार सांसद रहे। इन पांचों अवसरों पर केंद्र में कांग्रेस की सरकार बनी। पंत भारत के रक्षा मंत्री भी रहे। 1975 में इमरजेंसी के बाद 1977 में हुए चुनावों में  इस सीट से जनता पार्टी के भारत भूषण चुनाव जीते और केंद्र में जनता पार्टी की सरकार बनी।
  2. 1980 में हुए मध्यावधि चुनाव में एनडी तिवारी कांग्रेस के टिकट पर सांसद चुने गए और केंद्र में इंदिरा गांधी के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार बनी। तिवारी उस दौरान केंद्र में  भारी उद्योग मंत्री रहे।1984 में इस सीट से कांग्रेस के सत्येन्द्र चंद्र गुड़िया जीते और केंद्र में  कांग्रेस सरकार बनी जिसमें राजीव गांधी पीएम बने।
  3. इसके बाद 1989 में जनता दल के टिकट पर महेंद्र सिंह पाल ने यहां से जीत दर्ज और केंद्र में गठबंधन सरकार में जनता दल के ही वीपी सिंह प्रधानमंत्री बने।
  4. लगभग चार दशक तक चली यह परंपरा 1991 में तब टूटी जब भाजपा के बलराज पासी ने एनडी तिवारी को पराजित कर यह सीट जीती और केंद्र में कांग्रेस की सरकार बनी।
  5. 1996 में फिर से एनडी तिवारी ने अपनी पार्टी, अखिल भारतीय इंदिरा कांग्रेस (तिवारी) के बैनर तले यह सीट जीती जो बाद में 32 दलों वाले उस गठबंधन का हिस्सा बनी जिससे मिलकर वाजपेयी के नेतृत्व में सरकार बनी। हालांकि यह सरकार जल्द ही गिर गई ।
  6. 1998 में फिर से चुनाव हुए जिनमें भाजपा उम्मीदवार इला पंत इस सीट से निर्वाचित हुईं और भाजपा की ही सरकार बनी जिसमें वाजपेयी प्रधान मंत्री चुने गए।
  7. 1999 में फिर चुनाव हुए। इस बार कांग्रेस से एनडी तिवारी यहां से जीते जबकि केंद्र में वाजपेयी के नेतृत्व में भाजपा की सरकार बनी। एनडी तिवारी के उत्तराखंड (तब उत्तरांचल) के मुख्यमंत्री बनने पर 2002 में यहां उपचुनाव हुआ जिसमें कांग्रेस के टिकट पर महेंद्र सिंह पाल विजयी रहे और वही स्थिति बरकरार रही।
  8. इसके बाद 2004 में कांग्रेस के टिकट पर केसी सिंह बाबा ने यह सीट जीती और केंद्र में कांग्रेस के मनमोहन सिंह के नेतृत्व में गठबंधन सरकार बनी। 2009 में फिर से केसी बाबा भाजपा उम्मीदवार बची सिंह रावत से विजयी रहे और कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूपीए ने फिर से केंद्र में सरकार बनाई।
  9. 2014 में बीजेपी से राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी ने दो बार के सांसद केसी सिंह बाबा को पराजित कर यह सीट भाजपा के नाम की और केंद्र में  नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भाजपा सरकार  बनी। 2019 में फिर यही कहानी दोहराई गई जब भाजपा के अजय भट्ट ने आज तक के इतिहास में सर्वाधिक वोटों के अंतर से राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व सांसद हरीश रावत को पराजित किया और केंद्र में मोदी के नेतृत्व में भाजपा की सरकार भी दोबारा सत्ता में आई। इस तरह अब तक की कुल सत्रह लोकसभाओं में 15 बार केंद्र में उसी पार्टी की सरकार रही जिस का प्रत्याशी नैनीताल लोकसभा से विजयी रहा।