प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों में नासूर बन चुके संवेदनशील भूस्खलन जोन के उपचार के लिए केंद्र सरकार ने दी बड़ी सौगात ।

प्रदेश के पर्वतीय क्षेत्रों में नासूर बन चुके संवेदनशील भूस्खलन जोन के उपचार के लिए केंद्र सरकार ने दी बड़ी सौगात । चारधाम ऑल वेदर रोड परियोजना में चिह्नित किए गए 155 क्रॉनिक लैंडस्लाइड जोन में से 89 जोन के लिए 971.68 करोड़ रुपये की राशी जारी किए गए हैं। इनमें से 107 की डीपीआर तैयार हो गई, भूस्खलन जोन के उपचार का काम अगले माह बारिश खत्म होने के साथ ही शुरू कर दिया जाएगा। प्रदेश में मानसून सीजन में हर साल सक्रिय होने वाले लैंडस्लाइड जोन प्रदेश के विकास की रफ्तार पर ब्रेक लगा देते हैं।

वही बंद होने से जहां आवाजाही बाधित होती है, वहीं पूरा जनजीवन प्रभावित होता है। सरकार भूस्खलन से बंद मार्गों को खोलने में हर साल करोड़ों रुपये खर्च करती है, लेकिन हर बार फिर वही स्थिति बन जाती है। बीते दिनों मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने दिल्ली दौरे के दौरान भूस्खलन जोन के ट्रीटमेंट के लिए बजट जारी करने का अनुरोध केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी से किया था। अब केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय की ओर से पहले चरण में 89 क्रॉनिक लैंडस्लाइड जोन के लिए 971.68 करोड़ रुपये की धन राशी जारी किए गए हैं।

लोनिवि के मुख्य अभियंता दयानंद ने बताया कि सभी नेशनल हाईवे पर 155 संवेदनशील भूस्खलन क्षेत्र चिह्नित किए जा चुके हैं। इनके उपचार के लिए डीपीआर बनाने का काम नोडल एजेंसी के तौर पर टीएचडीसी को सौंपा गया है। इनमें से अभी तक 107 की डीपीआर प्राप्त हो गई है, जबकि 89 के लिए केंद्र सरकार की ओर से पैसा जारी भी कर दिया गया है।

ऋषिकेश से रुद्रप्रयाग के बीच (एनएच 07) : कुल 39 संवेदनशील भूस्खलन क्षेत्र चिह्नित, 28 की डीपीआर तैयार, 11 के लिए पैसा जारी

 

रुद्रप्रयाग से गौरीकुंड के बीच (एनएच 107) : कुल 21 संवेदनशील भूस्खलन क्षेत्र चिह्नित, 10 की डीपीआर तैयार, 10 के लिए पैसा जारी

 

चमोली से कुंड के बीच (एचन 107-ए) : कुल छह संवेदनशील भूस्खलन क्षेत्र चिह्नित

 

धरासूबैंड से फूलचट्टी के बीच (एनएच 134) : कुल 15 संवेदनशील भूस्खलन क्षेत्र चिह्नित, आठ की डीपीआर तैयार, आठ के लिए पैसा जारी

 

हरबर्टपुर से बडकोट बैंड के बीच (एचन 507) : कुल नौ संवेदनशील भूस्खलन क्षेत्र चिह्नित

 

कौडिया कोटद्वार से सतपुली श्रीनगर के बीच (एनएच 534) : कुल दो संवेदनशील भूस्खलन क्षेत्र चिह्नित

 

जौलीकोट से कर्णप्रयाग के बीच (एचएच 109) : कुल दो संवेदनशील भूस्खलन क्षेत्र चिह्नित

 

टनकपुर से पिथौरागढ़ के बीच (एचनएच 09) : कुल 61 संवेदनशील भूस्खलन क्षेत्र चिह्नित, 61 की डीपीआर तैयार, 60 के लिए पैसा जारी