उत्तराखंड विजिलेंस को मिली नई ताकत: अब तकनीकी और वित्तीय जांच खुद करेगी टीम, कैबिनेट ने बढ़ाए 20 पद
देहरादून – प्रदेश सरकार ने भ्रष्टाचार के खिलाफ कार्रवाई को और अधिक दृढ़ व दक्ष बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया है। अब उत्तराखंड की विजिलेंस विभाग तकनीकी व वित्तीय मामलों की जांच में भी आत्मनिर्भर भी होगी। इसके लिए कैबिनेट ने विजिलेंस में 20 नए पदों के सृजन को मंजूरी भी दे दी है, जिनमें इंजीनियर, सीए व पुलिस अधिकारी भी शामिल होंगे।
बिना बाहरी मदद खुद कर सकेगी तकनीकी और वित्तीय जांच
अब तक विजिलेंस विभाग को किसी निर्माण कार्य में भ्रष्टाचार या वित्तीय अनियमितता की जांच के लिए बाहरी विशेषज्ञ एजेंसियों की मदद भी लेनी पड़ती थी। इससे न केवल जांच में ही देरी होती थी, बल्कि कई बार तकनीकी पेचीदगियों के चलते मामलों की गंभीरता भी कम आंकी जाती थी। अब नए पदों के सृजन के बाद विभाग अपने भीतर तकनीकी व वित्तीय विशेषज्ञों को संविदा पर नियुक्त भी करेगा, जिससे जांच प्रक्रियाएं और भी अधिक प्रभावी होंगी।
विजिलेंस विभाग में अब होंगे कुल 152 पद
कैबिनेट की स्वीकृति के बाद विजिलेंस विभाग में कुल स्वीकृत पदों की संख्या 132 से बढ़कर 152 भी हो जाएगी। बढ़ाए गए पदों में शामिल होंगे:
- सिविल इंजीनियर, चार्टर्ड अकाउंटेंट (सीए) जैसे तकनीकी व वित्तीय विशेषज्ञ – संविदा पर नियुक्त
- इंस्पेक्टर और सब-इंस्पेक्टर रैंक के पुलिस अधिकारी – पुलिस विभाग से प्रतिनियुक्ति पर
जांच में आएगी तेजी, तकनीकी अड़चनों से राहत
विजिलेंस निदेशक डॉ. वी. मुरुगेशन के अनुसार, “इन नए पदों से विभाग की कार्यक्षमता भी बढ़ेगी। अब हम निर्माण कार्यों व वित्तीय लेन-देन में हुई अनियमितताओं की जांच तेजी व दक्षता से भी कर सकेंगे। इससे जांच में देरी व कमजोरियां भी कम होंगी।”