UPCL : उत्तराखंड प्रदेश में बिजली की भारी मांग और कम उपलब्धता के बीच संकट गहरा हो गया है।

उत्तराखंड प्रदेश में बिजली की भारी मांग और कम उपलब्धता के बीच संकट गहरा हो गया है। पहली बार सितंबर के महीने में बिजली की मांग 5 करोड़ यूनिट से ऊपर पहुंच रही है। उधर, कम उपलब्धता की वजह से यूपीसीएल (UPCL) ने मंगलवार को ग्रामीण क्षेत्रों के साथ ही छोटे शहर-कस्बों में भी बिजली की कटौती शुरू कर दी है ।

 

बीते मंगलवार को उत्तराखंड प्रदेश में बिजली की मांग 5.3 करोड़ यूनिट रिकॉर्ड की गई। इस वजह से जहां हरिद्वार-ऊधमसिंह नगर के ग्रामीण क्षेत्रों में करीब 2 घंटे की कटौती की गई, वहीं छोटे कस्बों मंगलौर, लक्सर, बहादराबाद, ढकरानी, सेलाकुईं, सहसपुर, विकासनगर, डोईवाला, कोटद्वार, ज्वालापुर, जसपुर, किच्छा, खटीमा, रामनगर, गदरपुर और बाजपुर में भी डेढ़ से 2 घंटे बिजली की कटौती की गई ।

 

वही रुड़की, काशीपुर, सितारगंज, रुद्रपुर और हल्द्वानी में करीब 1 घंटे की घोषित बिजली की कटौती की गई। उधर, स्टील फर्नेश उद्योगों में भी गढ़वाल मंडल में करीब 5 घंटे और कुमाऊं मंडल में करीब 4 घंटे की बिजली कटौती हुई । व्यासी परियोजना से बीते मंगलवार को भी दिनभर बिजली उत्पादन शुरू नहीं हो पाया, जिससे निगम को करीब 25 लाख और केंद्रीय पूल से कम बिजली मिलने से भी करीब 20 लाख यूनिट की किल्लत हुई । हालांकि, यूपीसीएल (UPCL) के एमडी अनिल कुमार का कहना है कि बाजार से बिजली खरीदकर आपूर्ति की जा रही है । कुछ जगहों पर बिजली की घोषित कटौती की जा रही है ।

 

उत्तराखंड प्रदेश में मौसम के बदलाव के साथ ही बिजली की मांग नए स्तर पर पहुंच रही है । पिछले 5 साल के आंकड़े देखें तो 2018 में सितंबर में बिजली की अधिकतम मांग 4 करोड़ यूनिट,

2019 और 2020 में 4.3 करोड़ यूनिट,

2021 में 4.4 करोड़ यूनिट,

2022 में 4.9 करोड़ यूनिट तक रही।

इस साल सितंबर माह के शुरुआत में ही बिजली की मांग बढ़नी शुरू हो गई, जो बीते मंगलवार को लगातार दूसरे दिन 5 करोड़ यूनिट से ऊपर रही ।