Umbrella Act: राज्य के निजी विवि की मनमानी पर अब लगाम लगने जा रही है। सभी विवि एक एक्ट से चलेंगे।

राज्य के निजी विवि की मनमानी पर अब लगाम लगने जा रही है। सभी विवि एक एक्ट से चलेंगे। कैबिनेट ने इन विवि के अंब्रेला एक्ट के विधेयक को मंजूरी दे दी है। विधानसभा में पास होने के बाद यह राजभवन को भेजा जाएगा। इस एक्ट के बाद क्या होने जा रहे हैं बदलाव, जाने ।

 

निजी विवि अभी तक अपने स्तर से कुलपति का चयन करते आ रहे, लेकिन एक्ट के प्रभावी होने के बाद इनका चयन सर्च कमेटी करेगी, जो यूजीसी के नियमों का पालन करेगी। खास बात ये भी है कि निजी विवि में अब चांसलर का पद नहीं होगा। इसके बजाए राज्यपाल इन विवि के कुलाध्यक्ष होंगे। विवि के चांसलर पद पर आसीन प्रबंधन के अधिकारी अब अध्यक्ष कहलाएंगे। कुलपति के चयन की सर्च कमेटी कुलाध्यक्ष की अध्यक्षता में बनेगी। इसमें विवि का अध्यक्ष, व्यवस्थापक मंडल से दो सदस्य, यूजीसी का सदस्य, सचिव उच्च शिक्षा सदस्य होंगे।

 

निजी विवि में अनिवार्य तौर पर उत्तराखंड मूल के छात्रों का 25 प्रतिशत शुल्क माफ होगा। सभी पाठ्यक्रमों में छात्रों की 25 प्रतिशत सीटें आरक्षित रखी जाएंगी। एक्ट के प्रभावी होने के बाद यह व्यवस्था लागू हो जाएगी। निजी विश्वविद्यालयों में समूह-ग और समूह-घ के सभी पदों पर केवल उत्तराखंड मूल के युवाओं को ही नौकरी देनी होगी। पहली बार इस तरह का नियम लागू होने जा रहा है। मनमानी करने वाले निजी विवि की राज्य सरकार जांच कर सकेगी। जुर्माना व अन्य कार्रवाई कर सकेगी, जो अभी तय होना बाकी है। इससे निजी विवि अपनी मर्जी से नियम विरुद्ध काम नहीं कर सकेंगे।

 

राज्य के करीब छह निजी विवि ऐसे हैं, जिन्हें शुल्क निर्धारण की आजादी नहीं थी। अंब्रेला एक्ट आने के बाद सभी निजी विवि अपना शुल्क पारदर्शी व्यवस्था के तहत तय कर सकेंगे। इस शुल्क की जानकारी उन्हें अपनी वेबसाइट पर देनी होगी। राज्य सरकार की वेबसाइट पर भी शुल्क की जानकारी मुहैया कराई जाएगी।