विश्व धरोहर फूलों की घाटी में इस बार पर्यटकों की संख्या काफी कम रही है ।
विश्व धरोहर फूलों की घाटी में इस बार पर्यटकों की संख्या काफी कम रही है । बारिश के कारण बार-बार हाईवे बंद होने और यात्रा स्थगित होने से घाटी में पर्यटक कम पहुंचे हैं । पिछले साल जहां अभी तक करीब 20 ,000 से अधिक पर्यटक पहुंचे थे जबकि इस वर्ष अभी तक करीब 10,500 ही पर्यटक घाटी का दीदार करने आए हैं ।
फूलों की घाटी हर साल 1 जून से 31 अक्तूबर तक पर्यटकों के लिए खुली रहती है । घाटी का सबसे पीक समय जुलाई और अगस्त का महीना माना जाता है । इस दौरान यहां सबसे अधिक करीब 300 प्रजाति के फूल खिले मिलते हैं ।
इसी दौरान सबसे अधिक पर्यटक भी घाटी में पहुंचते हैं लेकिन इस साल भारी बारिश, बदरीनाथ हाईवे बार-बार बंद होने और मौसम को देखते हुए यात्रा को बीच-बीच में रोकने से पर्यटकों ने घाटी की ओर कम रुख किया है । इसका नतीजा यह हुआ कि इस बार अब पिछले साल की तुलना में आधे पर्यटक ही फूलों की घाटी पहुंच पाए हैं। अब घाटी में फूल भी कम होने लगे हैं ।
इस साल 1 जून से 4 सितंबर तक घाटी में 10,452 (दस हजार चार सौ बावन) पर्यटक ही पहुंचे हैं जबकि पिछले साल 10 सितंबर तक 20,730 पर्यटक घाटी में पहुंच चुके थे । वहीं पिछले साल घाटी में पहुंचने वाले पर्यटकों की संख्या ने पिछले सारे रिकॉर्ड ध्वस्त कर दिए थे । इससे पार्क प्रशासन को भी अच्छी आय हुई थी।
घाटी में आने वाले पर्यटकों के पांच सालों का आंकड़ा
वर्ष | भारतीय | विदेशी | कुल |
2019 | 16904 | 644 | 17548 |
2020 | 906 | 10 | 916 |
2021 | 9389 | 15 | 9404 |
2022 | 20547 | 280 | 20827 |
2023 | 10798 | 254 | 10452 (अब तक) |
वन क्षेत्राधिकारी, फूलों की घाटी, जय प्रकाश पांडे – इस वर्ष अधिक बारिश व अलर्ट के चलते घाटी में पर्यटकों की संख्या घटी है । घाटी में जाने के लिए स्थानीय पर्यटकों के लिए 150 रुपये और विदेशी पर्यटकों के लिए 600 रुपये शुल्क निर्धारित है।
यहां पर दुर्लभ प्रजाति के वन्य जीव हिम तेंदुआ, हिमालयन काला भालू, मोनाल आदि विचरण करते रहते हैं। जबकि ब्रह्मकमल, फेन कमल सहित अन्य प्रकार के फूल खिलते हैं।