
उत्तराखंड के पंचायत चुनाव में आरक्षण पर मचा बवाल, 3000 से ज्यादा आपत्तियां दर्ज
हरिद्वार को छोड़कर उत्तराखंड के अन्य 12 जिलों में होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को लेकर आरक्षण प्रस्तावों पर विवाद गहराता ही जा रहा है। पंचायत चुनाव के लिए अनंतिम आरक्षण सूची जारी होने के बाद राज्य भर से 3,000 से अधिक आपत्तियां भी सामने आई हैं।
इन आपत्तियों का निपटारा संबंधित जिलाधिकारी आज (सोमवार) और कल (मंगलवार) करेंगे, जिसके बाद 18 जून को आरक्षण का अंतिम प्रकाशन भी किया जाएगा।
आपत्ति दर्ज कराने वालों का कहना है कि लगातार दो बार एक ही ग्राम पंचायत को महिलाओं के लिए आरक्षित भी किया गया है, जिससे स्थानीय लोगों में रोष है। वहीं कुछ लोगों ने ग्राम, क्षेत्र व जिला पंचायतों को एससी, एसटी व ओबीसी के लिए आरक्षित करने की मांग भी की है, जबकि कुछ ने इन्हें सामान्य वर्ग के लिए खोलने की मांग भी रखी है।
विभागीय अधिकारियों का कहना है कि आरक्षण निर्धारण पूरी तरह शासनादेश के अनुसार ही किया गया है और हर आपत्ति पर नियमों के तहत निर्णय भी लिया जाएगा।
इन जिलों से आईं सबसे ज्यादा आपत्तियां:
- ऊधमसिंह नगर: 800+
- देहरादून: 302
- पौड़ी: 354
- चंपावत: 337
- पिथौरागढ़: 277
- अल्मोड़ा: 294
- उत्तरकाशी: 383
- टिहरी: 297
- चमोली: 213
- रुद्रप्रयाग: 90
जैसे-जैसे अंतिम सूची की तारीख नजदीक आ रही है, पंचायत चुनाव को लेकर सियासी व सामाजिक हलचल भी तेज हो गई है।