
दिव्यांग बेटे की माँ को जिला प्रशासन ने दी बड़ी राहत — 17 लाख का बैंक लोन माफ, आईसीआईसीआई बैंक ने घर जाकर सौंपे कागजात
दिव्यांग बालक की व्यथित विधवा माता शोभा; 2 बच्चों की परवरिश; 17 लाख के बीमित ऋण;वसूली हेतु प्रताड़ना; पति की आकस्मिक मृत्यु डीएम का हस्तक्षेप; अंजाम सर्वविधित; आईसीआईसीआई बैंक ने घर जाकर दिया नो ड्यूज; घर के कागजात 17 लाख के लोन का ऋण बीमा होने के बावजूद बैंक द्वारा विधवा माता व दिव्यांग बच्चों को किया जा रहा था प्रताडित़; विगत सप्ताह देर सायं क्लेक्टेªट में डीएम से मिला था पूरा परिवार; पारिवारिक जिम्मेदारी तले दबी विधवा शोभा का ऋण माफ आईसीआईसीआई ने घर जाकर लौटाए कागजात; दिया नो ड्यूज शत्प्रतिशत् दिव्यांग बेटा, बेटी की पढाई और परवरिश; विधवा शोभा की पहाड़ समान विकट जीवन, उपर से बैंक ऋण; फिर शुरू हुआ प्रशासन का एक्शन; बैंक ने जारी की एनओसी पिछले 10 दिन से डीएम के निर्देश पर एसडीएम न्याय कुमकुम जोशी निरंतर कर रही थी फोलोअप; सोमवार तक नो ड्यूज न देने पर बैंक शाखा कुर्क कर सम्पत्ति नीलामी के थे डीएम के निर्देश समस्या हो कितनी भी विकट; बोले जनमन; जिला प्रशासन है न; शिक्षा से लेकर रोजगार, ऋणमाफी; सम्पति वापसी; एक के बाद एक एक्शन जारी
देहरादून। जिला प्रशासन देहरादून ने एक बार फिर साबित किया है कि प्रशासन सिर्फ व्यवस्था नहीं, संवेदनशीलता भी है। दिव्यांग बेटे व एक बेटी की जिम्मेदारी संभाल रही विधवा शोभा रावत के ऊपर बैंक लोन का पहाड़ भी टूट पड़ा था। पति की आकस्मिक मृत्यु के बाद बैंक द्वारा लगातार वसूली व दबाव ने उसका जीवन दुःस्वप्न ही बना दिया था। लेकिन जिलाधिकारी सविन बंसल के हस्तक्षेप ने उसकी जिंदगी में नई रोशनी ही ला दी।
क्या था मामला?
- शोभा रावत के पति स्वर्गीय मनोज रावत ने आईसीआईसीआई बैंक से कुल 17 लाख रुपये का लोन भी लिया था।
- लोन पर बीमा पॉलिसी होने के बावजूद पति की मृत्यु (30.10.2024) के बाद भी बैंक लगातार वसूली का दबाव भी बनाता रहा।
- बैंक ने इंश्योरेंस से 13,20,662 रुपये समायोजित किए, लेकिन शेष 5 लाख रुपये की मांग पर विधवा को प्रताड़ित भी किया जा रहा था।
- शोभा का एक बेटा 100% दिव्यांग है व बेटी अभी पढ़ाई कर रही है — कोई आय का साधन ही नहीं।
डीएम के हस्तक्षेप से बदली तस्वीर
बीते सप्ताह शोभा अपने पूरे परिवार के साथ कलेक्ट्रेट में पहुंची और जिलाधिकारी सविन बंसल से गुहार भी लगाई। डीएम ने तत्काल एसडीएम (न्याय) कुमकुम जोशी को कार्रवाई के आदेश भी दिए।
- 10 दिनों तक लगातार फॉलोअप चलता रहा
- बैंक को सोमवार तक नो ड्यूज देने का अल्टीमेटम दिया गया
- चेतावनी दी गई कि निर्धारित समय में राहत न देने पर बैंक शाखा की संपत्ति कुर्क कर नीलाम की जाएगी
नतीजा — न्याय आखिर जीता
दबाव के बाद आईसीआईसीआई बैंक के अधिकारी स्वयं शोभा के घर पहुंचे,
- नो ड्यूज सर्टिफिकेट सौंपा
- संपत्ति के कागजात वापस किए
- और पूरे ऋण को समाप्त घोषित किया