राज्य नर्सिंग कॉलेज देहरादून में निर्माणाधीन प्रशासनिक भवन और हॉस्टल का ढांचा तोड़ा नहीं जाएगा, निर्माण कार्य की गुणवत्ता को लेकर सिंचाई शोध संस्थान (आईआरआई) रुड़की ने शासन को जांच रिपोर्ट सौंप दी है।

राज्य नर्सिंग कॉलेज देहरादून में निर्माणाधीन प्रशासनिक भवन और हॉस्टल का ढांचा तोड़ा नहीं जाएगा । निर्माण कार्य की गुणवत्ता को लेकर सिंचाई शोध संस्थान (आईआरआई) रुड़की ने शासन को जांच रिपोर्ट सौंप दी है । पिछले 5 साल से निर्माण कार्य बंद पड़ा है । जांच रिपोर्ट आने के बाद जल्द ही दोबारा से निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा ।

 

2016 में चंदरनगर स्थित राज्य नर्सिंग कॉलेज में 25 करोड़ की लागत से प्रशासनिक भवन और हॉस्टल का निर्माण कार्य उत्तरप्रदेश निर्माण निगम ने शुरू किया था। दोनों भवन का ढांचा तैयार हो चुका है, लेकिन 2017 में नियोजन विभाग ने निर्माण कार्य का ऑडिट किया था । जिसमें काम मानकों के अनुसार नहीं पाया गया । इस पर शासन ने कार्यदायी उत्तरप्रदेश निर्माण निगम को नोटिस जारी किया था । तब तक प्रशासनिक व हॉस्टल का काम बंद पड़ा है । 5 साल में निर्माण के नाम पर एक ईंट नहीं लगी ।

 

चिकित्सा शिक्षा निदेशालय ने आईआईटी रुड़की से निर्माण कार्य की गुणवत्ता जांच कराने का निर्णय लिया था । लेकिन आईआईटी ने जांच के लिए 40 लाख रुपये मांगे थे । इस पर विभाग ने हाथ खड़े कर दिए । दोबारा से विभाग ने केंद्र सरकार की संस्था सिंचाई शोध संस्थान रुड़की से प्रशासनिक व हॉस्टल के निर्माण कार्य की जांच कराई । इसकी रिपोर्ट संस्थान ने शासन को सौंप दी है ।

 

स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने कहा, आईआरआई की जांच रिपोर्ट में प्रशासनिक व हॉस्टल भवन के ढांचे को ठीक पाया है । लेकिन विशेषज्ञों ने निर्माण कार्य में सुधार की सिफारिश की है । विभागीय सूत्रों के मुताबिक रिपोर्ट से साफ हो गया कि भवन के ढांचे को गिराया नहीं जाएगा । आईआरआई रुड़की ने निर्माणाधीन प्रशासनिक व हॉस्टल की जांच रिपोर्ट सौंपी है । रिपोर्ट का परीक्षण करने के बाद निर्माण कार्य शुरू करने का निर्णय लिया जाएगा ।

 

स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धन सिंह रावत का कहना है,  पूर्व में नियोजन विभाग ने ऑडिट में निर्माण कार्य में कुछ खामियां पाई थी । जिसकी जांच आईआरआई रुड़की से कराई गई है । रिपोर्ट के आधार पर जल्द निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा । स्वास्थ्य व चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधीन प्रदेश भर में चल रहे निर्माण कार्यों में देरी और घटिया गुणवत्ता पर कार्यदायी संस्थाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी ।