ठिकाने व हुलिया बदलता ही रहा सरबजीत, पुलिस ने किया गिरफ्तार; वारदात को अंजाम
बाबा तरसेम सिंह हत्याकांड के आरोपी शूटर सरबजीत सिंह को एक साल बाद पंजाब से गिरफ्तार किया गया
बाबा तरसेम सिंह हत्याकांड के आरोपी और शूटर सरबजीत सिंह, जो पिछले 1 वर्ष से पुलिस को चकमा दे रहा था, आखिरकार गिरफ्तार कर लिया गया। सरबजीत ने न केवल कई ठिकाने बदले, बल्कि अपनी पहचान छिपाने के लिए हुलिया भी कई बार बदला। 28 मार्च 2024 को नानकमत्ता में बाबा तरसेम सिंह की हत्या के बाद शूटर अमरजीत सिंह उर्फ बिट्टू और सरबजीत सिंह बाइक से फरार हो गए थे। अप्रैल 2024 में अमरजीत का एनकाउंटर हरिद्वार में हुआ, जबकि सरबजीत भूमिगत हो गया था। पुलिस और एसटीएफ द्वारा उसकी तलाश में 50000 रुपये से लेकर 2 लाख रुपये तक का इनाम भी रखा गया था।
सरबजीत सिंह का आपराधिक इतिहास
सरबजीत पर कई गंभीर मामले दर्ज हैं, जिनमें हत्या, लूट व आर्म्स एक्ट के तहत कई अपराध शामिल हैं। उसका आपराधिक इतिहास काफी लंबा रहा है, जिसमें कई बार वह पुलिस की गिरफ्त से बचने में सफल भी रहा।
गिरफ्तारी के दौरान पुलिस ने अपनाए सख्त कदम
पुलिस और एसटीएफ सरबजीत की तलाश में जुटी थी। पुलिस को 2 माह पहले जानकारी मिली थी कि वह पंजाब के तरनतारन के एक घर में छिपा हुआ है। एसएसपी मणिकांत मिश्रा ने इस टास्क को अपने हाथों में लिया और एक गोपनीय टीम को वहां भेजा। टीम ने धीरे-धीरे तरनतारन में जानकारी जुटाई, और इस पूरे ऑपरेशन को इतनी गोपनीयता से रखा कि किसी को भी भनक तक नहीं लगी। अंततः सरबजीत सिंह को 1 वर्ष बाद गिरफ्तार किया गया।
सोशल मीडिया के जरिए जिम्मेदारी लेने की कोशिश
सरबजीत ने हत्या की जिम्मेदारी सोशल मीडिया पर पोस्ट के जरिए ली थी। उसने ‘मियां विंड’ नाम से बने अकाउंट से पोस्ट कर दावा किया था कि वह खुद अकाल तख्त साहिब के सामने पेश होगा। इस पोस्ट ने जांच की दिशा को भ्रमित किया था और पुलिस को गलत लोकेशन की जानकारी भी मिली थी।
हत्याकांड का तरीका
28 मार्च 2024 को सुबह 6:15 बजे सरबजीत सिंह और अमरजीत सिंह बाइक से डेरा कार सेवा में पहुंचे थे। सरबजीत बाइक चला रहा था, जबकि अमरजीत ने बाबा तरसेम सिंह को गोली मारी। घटना के समय बाबा परिसर में कुर्सी पर बैठे थे। इसके बाद 8 अप्रैल 2024 को अमरजीत का एनकाउंटर उत्तराखंड एसटीएफ और हरिद्वार पुलिस ने कर दिया था, लेकिन सरबजीत सिंह का कोई सुराग ही नहीं मिल रहा था।
अंततः सरबजीत की गिरफ्तारी
एसएसपी मणिकांत मिश्रा के नेतृत्व में उत्तराखंड पुलिस ने सरबजीत सिंह को आखिरकार पंजाब के तरनतारन से गिरफ्तार कर लिया। इस गिरफ्तारी ने न केवल पुलिस के लिए बड़ी सफलता हासिल की, बल्कि अब उम्मीद जताई जा रही है कि पुलिस इस हत्याकांड से जुड़े और भी षड्यंत्रकारियों तक भी पहुंच सकती है।