केदारनाथ और यमुनोत्री मार्ग पर राहत अभियान जारी, 294 से अधिक श्रद्धालु सुरक्षित रेस्क्यू

उत्तराखंड में जारी भारी बारिश व भूस्खलन के बीच रुद्रप्रयाग जिले में सोनप्रयाग के पास फंसे 40 से अधिक श्रद्धालुओं को एसडीआरएफ ने सुरक्षित भी निकाल लिया है। ये सभी श्रद्धालु केदारनाथ धाम से दर्शन कर लौट रहे थे, तभी देर रात करीब 10 बजे सोनप्रयाग क्षेत्र में अचानक भारी मलबा गिर गया व रास्ता अवरुद्ध हो गया।

यमुनोत्री हाईवे पर फंसे 250 से अधिक श्रद्धालु भी सुरक्षित

वहीं दूसरी ओर, यमुनोत्री हाईवे पर बादल फटने की घटना के 4 दिन बाद भी हालात सामान्य नहीं हो पाए हैं। सिलाई बैंड क्षेत्र के आगे वाहनों की आवाजाही अब भी बंद ही है। हालांकि, बुधवार को स्यानाचट्टी से जानकीचट्टी के बीच फंसे 254 यात्रियों को प्रशासन ने सुरक्षित बाहर भी निकाला और वाहनों के जरिए बड़कोट में भेजा।

7 लोग अब भी लापता, खोजबीन में लगाए गए स्निफर डॉग

बादल फटने से ओजरी व सिलाई बैंड क्षेत्र में करीब 20 से 25 मीटर सड़क भी बह गई, जबकि 7 लोग तेज बहाव में लापता ही हो गए। एनडीआरएफ की टीम स्निफर डॉग की मदद से तलाश अभियान भी चला रही है। इसके साथ ही एसडीआरएफ, आईटीबीपी व स्थानीय पुलिस की टीम भी राहत व बचाव कार्यों में भी लगी है।

रास्ता बहाल करने की कोशिशें जारी

एनएच विभाग द्वारा सिलाई बैंड क्षेत्र में सड़क मरम्मत का कार्य भी किया जा रहा है, लेकिन ओजरी क्षेत्र में चट्टानों की कठोरता के चलते काम में रुकावट भी आ रही है। डीएम प्रशांत आर्य ने बताया कि

प्रशासन पूरी ताकत से मार्ग बहाली में जुटा हुआ है और जल्द ही यमुनोत्री हाईवे पर वाहन संचालन भी शुरू कराने का प्रयास किया जा रहा है। इसके अलावा कुपड़ा मोटर मार्ग पर भी छोटे वाहनों के संचालन की दिशा में भी काम किया जा रहा है।

यात्रियों के लिए भोजन और मदद की व्यवस्था

प्रशासन ने फंसे हुए यात्रियों के लिए खाद्य आपूर्ति विभाग की मदद से भोजन व आवश्यक सेवाओं की व्यवस्था भी की है। हालांकि, सिलाई बैंड क्षेत्र में अधिक मलबा व कीचड़ के चलते फिलहाल वाहनों की आवाजाही तो शुरू नहीं हो सकी है।

यात्रियों व श्रद्धालुओं से अपील की गई है कि वे मौसम और प्रशासन के निर्देशों का पालन करें और अनावश्यक यात्रा से भी बचें।