हेमकुंड साहिब और लोकपाल लक्ष्मण मंदिर में रिकॉर्ड श्रद्धालु पहुंचे — अब तक 2.71 लाख से अधिक ने किए दर्शन, यात्रियों में जबरदस्त उत्साह

चमोली: इस वर्ष चारधाम यात्रा में यात्रियों की संख्या भले ही कम रही हो, लेकिन हेमकुंड साहिब व लोकपाल लक्ष्मण मंदिर ने इस कमी को पूरा भी कर दिया। समुद्रतल से 15,225 फीट की ऊंचाई पर स्थित इन दुर्गम धार्मिक स्थलों में इस बार रिकॉर्ड संख्या में श्रद्धालु भी पहुंचे हैं। 25 मई को कपाट खुलने से लेकर 8 अक्टूबर तक 2.71 लाख से अधिक यात्रियों ने मत्था टेका, जो अब तक का सबसे बड़ा आंकड़ा भी है।

दोनों धामों के कपाट 10 अक्टूबर को बंद किए जाएंगे। हेमकुंड साहिब और लोकपाल लक्ष्मण मंदिर की यात्रा को कठिन व चुनौतीपूर्ण माना जाता है, क्योंकि यहां रात में रुकने की अनुमति भी नहीं होती। दर्शन के बाद यात्रियों को घांघरिया वापस ही लौटना पड़ता है। इसके बावजूद इस वर्ष यात्रियों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज भी की गई है।

गुरुद्वारा श्री हेमकुंड साहिब मैनेजमेंट ट्रस्ट के अनुसार, इस बार विदेशों से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु हेमकुंड में पहुंचे हैं। धार्मिक आस्था के साथ-साथ ट्रैकिंग व प्राकृतिक सौंदर्य का आकर्षण भी पर्यटकों को यहां खींच रहा है।

फूलों की घाटी, जो हेमकुंड के बेस कैंप घांघरिया के पास स्थित है, भी इस यात्रा का प्रमुख आकर्षण भी बनी हुई है। यहां आने वाले अधिकांश पर्यटक हेमकुंड साहिब के दर्शन भी कर रहे हैं, जिससे पूरा क्षेत्र पर्यटकों से गुलजार भी है।

वर्षवार हेमकुंड साहिब यात्रा के आंकड़े

वर्ष यात्रियों की संख्या
2025 (8 अक्टूबर तक) 2,71,000
2024 2,20,000
2023 2,05,000
2022 1,90,000
कुल योग 8,86,000

इस समय हेमकुंड साहिब में 2 फीट से अधिक बर्फ जम चुकी है। हेमकुंड से अटलाकोटी तक करीब 3 किलोमीटर का क्षेत्र बर्फ की चादर से ढक गया है। बुधवार को भी 500 से अधिक श्रद्धालुओं ने धाम में मत्था भी टेका।

प्रबंधन ट्रस्ट अब कपाट बंद करने की तैयारियों में भी जुटा है। ठंड व बर्फबारी के बावजूद श्रद्धालुओं का उत्साह चरम पर है, जो हेमकुंड साहिब यात्रा की लोकप्रियता व आस्था का प्रतीक है।