पंचायत चुनाव बना मजदूरों के लिए भी अवसर, माला बेचकर कमाए हजारों, बाजार में बिकीं हजारों मालाएं
रामनगर, नैनीताल। उत्तराखंड में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2025 की मतगणना के बाद जहां एक ओर प्रत्याशियों की जीत की घोषणा के साथ सियासी हलचल भी तेज हो गई, वहीं दूसरी ओर यह चुनाव आम लोगों के लिए कमाई का मौका बनकर भी सामने आया। जीते प्रत्याशियों के समर्थकों द्वारा किए गए भव्य स्वागत ने स्थानीय बाजारों में फूल मालाओं की डिमांड अचानक ही बढ़ा दी, जिससे फूल व्यापारियों व स्थानीय मजदूरों की किस्मत भी चमक गई।
चुनावी जीत बनी रोजगार का जरिया
रामनगर के मोहम्मद वसीम व अशरफ अली, जो सामान्य दिनों में मजदूरी व शटरिंग का काम करते हैं, इस बार पंचायत चुनाव को रोजगार का अवसर ही बना बैठे। दोनों ने अलग-अलग रेंज में मालाएं थोक में खरीदीं—50 रुपये से लेकर 200 रुपये तक—और मतगणना केंद्रों के बाहर बेचना ही शुरू किया।
मोहम्मद वसीम ने बताया कि
उन्होंने सोच-समझकर ये काम भी शुरू किया, और 50 हजार रुपये से ज्यादा की मालाएं बेच डालीं। वहीं अशरफ अली ने भी करीब 10 हजार से अधिक मालाएं बेचकर 60 से 70 हजार रुपये तक की कमाई भी कर ली। चुनावी माहौल ने दोनों मजदूरों की आर्थिकी को मजबूती दी और एक नया उदाहरण भी पेश किया।
बाजार में माला व्यापारियों की निकली ‘लॉटरी’
मतगणना के बाद जैसे ही जीत के नतीजे आने लगे, समर्थकों ने फूल-मालाओं से विजयी उम्मीदवारों का जोरदार स्वागत भी करना शुरू कर दिया। इससे फूल व्यापारियों की बिक्री में जबरदस्त उछाल भी आया और कई दुकानों का पूरा माल ही खत्म हो गया। व्यापारियों के चेहरे पर बिक्री की खुशी साफ ही नजर आई।
पूरे प्रदेश में मतगणना केंद्रों पर उत्सव का माहौल
नैनीताल जिले के मतगणना केंद्रों के बाहर भीड़ व जश्न का नजारा देखने लायक था। समर्थक ढोल-नगाड़ों के साथ ही जुटे हुए थे। जीत के बाद जहां एक ओर समर्थकों ने सड़कें जश्न से भर दीं, वहीं हारे हुए प्रत्याशी चुपचाप घर भी लौट गए।
इस दौरान ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत सदस्य व जिला पंचायत सदस्य पदों के लिए हुई मतगणना सुबह 8 बजे शुरू होकर देर रात तक चली। जैसे-जैसे विजेता सामने आते गए, वैसे-वैसे बाजारों में माला व मिठाई की बिक्री भी चरम पर पहुंच गई।