
चारधाम यात्रा में पहली बार तैनात होंगे पीजी डॉक्टर, तीर्थयात्रियों को मिलेगी विशेषज्ञ चिकित्सा सेवाएं
उत्तराखंड की चारधाम यात्रा इस वर्ष कई मायनों में खास होने जा रही है। पहली बार यात्रा मार्गों पर पोस्ट ग्रेजुएट (PG) डॉक्टरों की तैनाती को राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) से स्वीकृति मिल गई है। इस फैसले से जहां श्रद्धालुओं को बेहतर चिकित्सा सुविधा मिलेगी, वहीं प्रशिक्षु डॉक्टरों को भी उच्च हिमालयी क्षेत्रों में काम करने का व्यावहारिक अनुभव प्राप्त होगा।
स्वास्थ्य सचिव डॉ. आर. राजेश कुमार ने जानकारी दी कि एनएमसी की अनुमति के बाद अब देशभर के मेडिकल कॉलेजों से एमडी, एमएस और डीएनबी कर रहे पीजी डॉक्टर चारधाम यात्रा में चिकित्सा सेवा देने के लिए आगे आ रहे हैं। यह सेवाएं डिस्ट्रिक्ट रेजीडेंसी प्रोग्राम (DRP) के अंतर्गत मान्य होंगी, और डॉक्टरों को इसके लिए अलग से तीन माह की ट्रेनिंग नहीं करनी पड़ेगी।
तीर्थयात्रियों को मिलेगा विशेषज्ञों का लाभ
राज्य सरकार ने एनएमसी से आग्रह किया था कि चारधाम यात्रा जैसे विशेष अवसरों पर पीजी डॉक्टरों की स्वैच्छिक तैनाती की अनुमति दी जाए, ताकि तीर्थयात्रियों को प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं से आगे विशेषज्ञ चिकित्सा परामर्श भी उपलब्ध हो सके।
एनएमसी की मंजूरी के बाद अब देशभर के मेडिकल कॉलेजों में पढ़ाई कर रहे पीजी डॉक्टर उत्तराखंड में सेवा देने को लेकर संपर्क कर रहे हैं। यह डॉक्टर विभिन्न स्थानों पर तैनात होकर यात्रा मार्ग पर आकस्मिक चिकित्सा, हाई एल्टीट्यूड मेडिसिन और आपातकालीन परिस्थितियों में इलाज प्रदान करेंगे।
व्यावहारिक प्रशिक्षण का मिलेगा लाभ
इस पहल से न केवल लाखों श्रद्धालुओं को यात्रा के दौरान अधिक सुरक्षित और भरोसेमंद स्वास्थ्य सुविधाएं मिलेंगी, बल्कि युवा डॉक्टरों को चुनौतीपूर्ण वातावरण में काम करने का प्रशिक्षण भी मिलेगा।
चारधाम यात्रा में इस तरह का मेडिकल इनोवेशन पहली बार किया जा रहा है, जिससे यह यात्रा स्वास्थ्य सुरक्षा के लिहाज से भी पहले से अधिक मजबूत साबित होगी।