राजस्व विभाग की नई योजना, अंश निर्धारण वाली खतौनी से भूमि की स्पष्टता और विवादों का समाधान

राजस्व विभाग आने वाले समय में अंश निर्धारण वाली खतौनी देने की तैयारी कर रहा है। इसमें खतौनी में खाताधारक का नाम के साथ उसके भूमि के अंश का विवरण भी दर्ज होगा। राजस्व विभाग से जो खतौनी प्राप्त होती है, उसमें खाताधारक और सह खातेधारक का नाम दर्ज होता है, लेकिन किसके पास कितनी भूमि है, उसको लेकर कई बार स्पष्टता नहीं होती है।

 

वहीं, खातेधारक व सहखातेधारक ने कितनी भूमि अपने खाते से बेच चुका है, यह भी पता नहीं चलता है। इसके लिए पटवारी की मदद लेनी पड़ती है। ऐसे में अब राजस्व विभाग खतौनी के साथ खातेधारक और सहखातेधारक के नाम पर कुल कितनी भूमि है, वह अंश निर्धारण वाली खतौनी (कृषि भूमि) देने की तैयारी कर रहा है। ऐसे में खातेधारक के पास भूमि को लेकर स्पष्टता रहेगी।

 

इसके साथ ही अगर कोई व्यक्ति भूमि खरीद रहा है तो उसे भी यह पता होगा कि बेचने वाले के पास कुल कितनी भूमि है। वह खतौनी देखकर समझ सकेगा। ऐसे में कई विवादों से बचा भी जा सकेगा।

राजस्व विभाग से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, राज्य में सोलह हजार से अधिक राजस्व गांव है। बताया जा रहा कि इसमें काफी गांवों में यह काम पूरा कर लिया गया है। इसके अलावा गांवों के नक्शों का काम भी डिजिटाइज करने का भी काम चल रहा है। सचिव राजस्व एसएन पांडे के अनुसार, अंश निर्धारण वाली खतौनी देने की योजना है। इसको लेकर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में निर्देश दिए गए हैं।