हल्द्वानी: 25 साल बाद भी अधर में लटकी शहर की पांच बड़ी विकास योजनाएं

उत्तराखंड राज्य गठन के बाद विकास की उम्मीदें भी जगाईं गईं, लेकिन कुमाऊं के सबसे बड़े शहर हल्द्वानी की कई प्रमुख योजनाएं अब भी कागजों में ही कैद हैं। रिंग रोड, रानीबाग-नैनीताल रोपवे, गौलापार चिड़ियाघर, आईएसबीटी व नमो भवन जैसी परियोजनाएं वर्षों बाद भी धरातल पर ही नहीं उतर पाई हैं।

अप्रैल 2017 में घोषित रिंग रोड के लिए अब तक भूमि चयन ही नहीं हो सका है। वहीं 2018 में प्रस्तावित रानीबाग-नैनीताल रोपवे की योजना भी मंजूरी के बाद से आगे ही नहीं बढ़ी। गौलापार चिड़ियाघर, जिसे 2015 में हरी झंडी मिली थी, डीपीआर न बनने के कारण अटका ही हुआ है। 2014 में स्वीकृत आईएसबीटी परियोजना भी निर्माण स्थल पर मिले मानव कंकाल के बाद से ही ठप है। वहीं नमो भवन के लिए करोड़ों की धनराशि स्वीकृत होने के बावजूद निर्माण शुरू ही नहीं हुआ।

जिलाधिकारी ललित मोहन रयाल ने कहा कि जनहित की सभी योजनाओं की प्रगति पर जल्द ही बैठक बुलाई जाएगी। उन्होंने बताया कि जिन परियोजनाओं में दिक्कतें हैं, उन्हें दूर कर जल्द धरातल पर उतारने की दिशा में काम भी होगा।