
आयुर्वेद कोर्सों में इस बार सीटें भरने की चुनौती, अब तक 600 छात्रों ने किए दाखिले के लिए आवेदन
देहरादून: भारतीय चिकित्सा परिषद उत्तराखंड के माध्यम से संचालित आयुर्वेद कोर्सों में इस बार दाखिले की चुनौती भी सामने आ गई है। अब तक प्रदेशभर में विभिन्न आयुर्वेदिक पाठ्यक्रमों के लिए केवल 6 छात्रों ने आवेदन किया है, जबकि पैरामेडिकल कॉलेजों में लगभग 3 हजार से अधिक सीटें उपलब्ध हैं। परिषद अब नवंबर के पहले सप्ताह में इन छात्रों की काउंसलिंग प्रक्रिया भी शुरू करेगी।
शैक्षणिक सत्र 2025-26 के लिए परिषद ने आयुर्वेद फार्मासिस्ट, नर्सिंग, पंचकर्म सहायक, टेक्नीशियन, योग एवं प्राकृतिक चिकित्सा सहायक जैसे कोर्सों में दाखिले के लिए आयु सीमा में छूट दी है। अब इन कोर्सों में अधिकतम 42 वर्ष तक के अभ्यर्थी प्रवेश भी ले सकेंगे।
प्रदेश में परिषद से मान्यता प्राप्त 26 आयुर्वेद पैरामेडिकल कॉलेज संचालित हैं, जिनमें कुल 3100 सीटें भी हैं। पिछले वर्ष भी आधे से अधिक सीटें खाली रह गई थीं, और इस बार भी यही स्थिति बनने की आशंका भी है।
परिषद की रजिस्ट्रार नर्मदा गुसाईं ने बताया कि आवेदन की अंतिम तिथि 30 अक्तूबर तक बढ़ा भी दी गई है। उन्होंने कहा, “इस बार आयु सीमा 25 से बढ़ाकर 42 वर्ष की गई है, जिससे प्रवेश लेने वाले छात्रों की संख्या बढ़ने की उम्मीद भी है।”
उन्होंने बताया कि नवंबर माह में काउंसलिंग कर कॉलेजों का आवंटन भी किया जाएगा। परिषद का लक्ष्य इस वर्ष अधिकतम सीटें भरने का है ताकि राज्य में आयुर्वेदिक चिकित्सा प्रणाली को और मज़बूती भी मिल सके।