कुमाऊं विवि में मूल्यांकन में चूक, बीकॉम छात्र की उत्तरपुस्तिका में अंक जोड़ने में गलती, सख्त कार्रवाई की तैयारी

हल्द्वानी में बीकॉम तृतीय वर्ष की उत्तरपुस्तिका जांचने वाले प्राध्यापक गणित का हिसाब लगाने में बड़ी चूक कर गए। प्राध्यापक ने उत्तरपुस्तिका में 15 और 12 का योग 17 दर्शाया है जबकि परीक्षाफल में 20 नंबर दिए गए हैं। कॉमर्स के छात्र ने नंबर कम आने पर कुमाऊं विवि में आरटीआई लगाई तो उत्तरपुस्तिका मिलने पर इस गड़बड़झाले का खुलासा हुआ।
जानकारी के मुताबिक कुमाऊं विवि की ओर से कराए गए मूल्यांकन में बड़ी गड़बड़ियां सामने आईं हैं। बता दें कि बी.कॉम तृतीय वर्ष के छात्र की उत्तरपुस्तिका मिलने पर यहां पर गड़बड़झाला सामने आया है। छात्र ने नाम और अनुक्रमांक गोपनीय रखने की शर्त पर बताया कि मार्केटिंग मैनेजमेंट का पहला पेपर अच्छा गया था लेकिन मार्कशीट में 50 में से सिर्फ 20 नंबर ही आए।

छात्र ने बताया कि उत्तरपुस्तिका में उसे सेक्शन ए (संक्षिप्त उत्तरीय प्रश्न) में 15 और सेक्शन बी (दीर्घ उत्तरीय प्रश्न) में 12 अंक प्राप्त मिले हैं। दोनों का योग मूल्यांकनकर्ता ने 27 के बजाए 17 लिखा है जबकि मार्कशीट में 20 नंबर दर्ज हैं। छात्र ने बताया कि मूल्यांकन में गड़बड़ी के चलते उसकी फर्स्ट डिवीजन आने से रह गई। छात्र ने सभी उत्तरपुस्तिकाएं आरटीआई के तहत लेने की बात कही। छात्र ने विवि प्रबंधन से परीक्षाफल को ठीक कराने की मांग की है।

मूल्यांकन में लापरवाही बरतने वाले प्राध्यापकों के खिलाफ कुमाऊं विश्वविद्यालय सख्त एक्शन लेगा। राज्य के तीनों विश्वविद्यालय परिसरों और उससे संबद्ध महाविद्यालयों के छात्र-छात्राओं की उत्तरपुस्तिका जांचने के लिए विभिन्न महाविद्यालयों को केंद्रीय मूल्यांकन केंद्र बनाया गया है। राज्य सरकार की ओर से मूल्यांकन केंद्र निर्धारित किए गए थे। मूल्यांकन केंद्रों से ही मार्क्स सीधे चढ़े हैं।
वार्षिक प्रणाली के विद्यार्थियों के रिजल्ट में गड़बड़ी के मामले सामने आ रहे हैं। कुमाऊं विवि के परीक्षा नियंत्रक डॉ. महेंद्र राणा ने बताया कि विवि की ओर से समिति का गठन कर दिया गया है।

छात्र-छात्राओं की उत्तरपुस्तिका में मूल्यांकन के तहत कम नंबर होने के बावजूद रिजल्ट में अधिक चढ़ाए गए हैं। डॉ. राणा ने बताया कि छात्रों की शिकायत थी कि कुछ प्राध्यापक मूल्यांकन हार्ड करते हैं और कुछ सॉफ्ट करते हैं। इस दिक्कत को दूर करने के लिए मॉडरेशन ऑफ रिजल्ट्स की व्यवस्था लागू की गई है। उन्होंने बताया कि रिजल्ट में गड़बड़ियों को दूर करने के लिए सेमेस्टर प्रणाली के तहत मूल्यांकन की नई व्यवस्था लागू की गई है। इसमें मूल्यांकन में गड़बड़ी की संभावनाएं नहीं रहेंगी।