भारी बारिश के बीच केदारनाथ में फंसे श्रद्धालुओं को सीएम धामी ने दी राहत, आपदा प्रबंधन पर रखी सक्रिय नजर

बाबा केदार के धाम पहुंचे श्रद्धालुओं के लिए बीते दिन की रात बड़ी कठिन और काली रात थी। रास्ते बंद होने से उनके सामने मुश्किल थी, कि कैसे वह बाहर निकल पाएंगे, लेकिन सुबह सीएम को अपने बीच पाकर उन्हें ये आश्वासन मिला कि प्रदेश का मुखिया उनके साथ है और उन्हें सुरक्षित पहुंचाया जाएगा।

 

भारी बारिश से पैदा हुए गंभीर हालात में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी एक बार फिर ग्राउंड जीरो पर नजर आए। अतिवृष्टि से प्रभावित लोगों और केदारनाथ धाम का मार्ग अवरुद्ध हो जाने के कारण फंसे श्रद्धालुओं के बीच जब मुख्यमंत्री पहुंचे तो वे सुकून महसूस करते दिखे। पूरे घटनाक्रम पर मुख्यमंत्री के एक बार फिर से प्रोएक्टिव होने का नतीजा यह रहा कि आपदा एवं बचाव कार्यों के लिए जिम्मेदार तंत्र भी मोर्चे पर पूरी ताकत के साथ जुट गया।

बीते बुधवार की रात पूरे प्रदेश में भारी बारिश की सूचना प्राप्त होने के बाद सीएम ने मोर्चा संभाल लिया। वह रात भर दूरभाष पर सचिव आपदा प्रबंधन विनोद कुमार सुमन और जिलाधिकारियों से हालात का अपडेट लेते रहे। सीएम के देर रात तक एक्शन में होने के साथ ही सीएम कार्यालय, पुलिस, जिला प्रशासन और आपदा प्रबंधन की टीम भी पूरी सजगता के साथ जुट गई।

वहीं, बीते गुरुवार की सुबह सीएम सबसे पहले आईटी पार्क स्थित आपातकालीन परिचालन केंद्र पहुंचे, जहां उन्होंने सचिव आपदा प्रबंधन से देर रात हुई भारी बारिश से हुए नुकसान की जानकारी ली और अधिकारियों को राहत एवं बचाव कार्य में पूरी क्षमता के साथ जुटने के निर्देश दिए।

मुख्यमंत्री धामी को सुबह लोनिवि की समीक्षा करनी थी। बैठक को स्थगित कर वह लोनिवि मंत्री सतपाल महाराज को साथ लेकर आपदा प्रभावित क्षेत्र का दौरा करने निकल पड़े। उन्होंने टिहरी गढ़वाल के आपदा प्रभावित क्षेत्र जखन्याली पहुंचकर स्थलीय निरीक्षण किया और स्थानीय लोगों से मिलकर उनकी कुशलक्षेम ली। जखन्याली में बादल फटने से एक ही परिवार के तीन लोगों की मौत हो गई थी। मुख्यमंत्री मृतकों के शोकाकुल परिजनों से मिले और उन्हें ढाढस बंधाया।इसके बाद सीएम रुद्रप्रयाग के आपदाग्रस्त क्षेत्रों का निरीक्षण करने पहुंचे।

 

केदारघाटी में सीएम को अपने बीच पाकर वहां फंसे सैकड़ों श्रद्धालुओं ने राहत की सांस ली। सीएम ने उनसे पूछा कि बाबा के दर्शन हो गए, उत्साहित श्रद्धालुओं ने जवाब दिया जी हो गए और आपके भी दर्शन हो गए। उन्होंने सरकार की व्यवस्था की भी तारीफ की। एक महिला श्रद्धालु बोली, उत्तराखंड सरकार की बहुत अच्छी व्यवस्था है। सीएम ने सभी को सुरक्षित यात्रा का भरोसा दिया।

उत्तराखंड में जब-जब आपदा के हालात बने, सीएम धामी ने तब-तब ग्राउंड जीरो पर मोर्चा संभाला। 17 अक्टूबर 2021 में कुमाऊं मंडल के चार जिलों में आई आपदा, दो जनवरी 2023 को जोशीमठ आपदा और 12 नवंबर 2023 को सिलक्यारा टनल हादसे समेत तमाम छोटी बड़ी आपदाओं में सीएम ने खुद ग्राउंड जीरो पर रहकर रेस्क्यू की मॉनीटरिंग की।

चट्टान टूटने से केदारनाथ मार्ग अवरुद्ध होने और गौरीकुंड और सोनप्रयाग के बीच मार्ग बाधित होने के कारण केदारघाटी में फंसे श्रद्धालुओं की सुरक्षित बाहर निकलने की राह भी खुली। भीमबली, रामबाड़ा और लिंचोली में फंसे 700 यात्रियों को एयरलिफ्ट किया गया तो 3300 यात्रियों को वैकल्पिक मार्ग से सुरक्षित स्थान पर बाहर निकाला गया।