By-Election 2024: मंगलौर विधानसभा में बसपा के लिए सीट बचाना चुनौती, लोस चुनाव में ही गिरा वोटबैंक
मंगलौर विधानसभा में अब तक हुए 5 विधानसभा चुनावों में 4 बार जीत दर्ज कर चुकी बसपा के लिए इस सीट को बचाए रखने की भी चुनौती है। दिवंगत विधायक सरवत करीम अंसारी के बेटे उबेर्दुरहमान को बसपा सुप्रीमो मायावती ने चुनाव मैदान में उतारने पर सहमति भी दे दी, जबकि सामने कांग्रेस के पूर्व विधायक काजी निजामुद्दीन मैदान में उतर भी सकते हैं।
इस विधानसभा में अब तक 5 चुनाव हुए हैं, जिनमें से 4 बार बसपा प्रत्याशी को जीत मिली है। वर्ष 2002 के पहले चुनाव में 21,155 वोट के साथ बसपा के काजी निजामुद्दीन ने जीत दर्ज की व कांग्रेस के सरवत करीम यहां 14,561 वोट हासिल भी कर पाए। वर्ष 2007 के चुनाव में बसपा से निजामुद्दीन फिर 25,559 मत हासिल करके विजेता भी रहे, जबकि रालोद के चौधरी कुलवीर सिंह 22,166 के साथ दूसरे व कांग्रेस के सरवत करीम 18,629 वोटों के साथ तीसरे पायदान पर भी रहे।
वर्ष 2012 के चुनाव में बसपा ने सरवत करीम को भी उतारा। उन्होंने 24,706 वोटों के साथ जीत दर्ज की, जबकि कांग्रेस से काजी निजामुद्दीन ने 24,008 वोट भी हासिल किए।
वर्ष 2017 के चुनाव में कांग्रेस से काजी निजामुद्दीन 31,352 वोटों के साथ विजेता भी रहे, जबकि बसपा के सरवत करीम ने 28,684 वोट को हासिल किया।
वर्ष 2022 के विधानसभा चुनाव में बसपा के सरवत करीम 32,660 वोटों के साथ विजयी भी रहे, जबकि कांग्रेस के काजी निजामुद्दीन को 32,062 वोट भी मिले।
हार-जीत का अंतर सिर्फ 598 वोटों का रहा। हाल में हुए लोस चुनाव में मंगलौर विस में बसपा का वोट बैंक तो नीचे चला गया है। बसपा लोस प्रत्याशी जमील अहमद को महज 5,507 वोट ही मिले, जबकि कांग्रेस के वीरेंद्र रावत को यहां 44,101 वोट ही मिले। बीजेपी के वोट बैंक में यहां करीब 3 हजार का इजाफा तो हुआ, लेकिन वर्ष 2022 के विस के मुकाबले कांग्रेस का वोट प्रतिशत काफी बढ़ भी गया। अब बसपा के लिए इस वोट बैंक को साधते हुए विधायक जिताने की बड़ी चुनौती भी है।
- दोनों ही सीटों पर बसपा चुनाव लड़ेगी
बसपा अध्यक्ष चौधरी शीशपाल ने बताया, पार्टी मंगलौर व बदरीनाथ दोनों सीटों पर प्रत्याशी को उतारने जा रही है। कहा, बसपा सुप्रीमो मायावती से बीते सोमवार को फोन पर बातचीत हुई, जिसमें उन्होंने मंगलौर सीट पर दिवंगत विधायक सरवत करीम अंसारी के बेटे उबेदुर्रहमान को टिकट देने पर सहमति भी दे दी, जबकि बदरीनाथ पर अभी फैसला होना बाकी ही है। कहा, दोनों सीटों पर बसपा जोरदार जीत भी दर्ज करने जा रही है।
- उपचुनाव घोषणा के साथ ही तेज हुई सरगर्मियां
लिब्बरहेड़ी। मंगलौर में विस उपचुनाव की घोषणा के साथ राजनीतिक सरगर्मियां भी तेज हो गई हैं। कांग्रेस से जहां राष्ट्रीय सचिव और पूर्व विधायक काजी निजामुद्दीन मैदान में आ सकते हैं, वहीं बसपा से उबेदुर्रहमान उर्फ मोंटी मैदान में भी उतर रहे हैं। वहीं, बीजेपी करतार सिंह भडाना पर अपना दांव खेल सकती है। मंगलौर विधायक सरवत करीम का पिछले वर्ष 30 अक्तूबर को निधन हो गया था। इसके बाद से यह सीट रिक्त ही थी।