CHSL परीक्षा में ब्लूटूथ नकल कांड: सेंटर मालिक भी जांच के घेरे में

देहरादून। एसएससी की सीएचएसएल परीक्षा में ब्लूटूथ डिवाइस के जरिए नकल कराने के मामले में अब परीक्षा केंद्र महादेव डिजिटल ज़ोन के मालिक जांच के दायरे में भी आ सकते हैं। जांच में सामने आया है कि जिस लकी नाम के कर्मचारी ने अभ्यर्थी को ब्लूटूथ उपलब्ध कराया, उसे सेंटर मालिक ने ही विशेष रूप से एसएससी परीक्षा अवधि के लिए सहायक के रूप में नियुक्त भी किया था।

पुलिस लकी की तलाश कर रही है। प्रारंभिक जांच में पता चला कि उसे 12 से 30 नवंबर के बीच, सिर्फ परीक्षा अवधि के लिए अस्थायी तौर पर रखा भी गया था। अब पुलिस यह पता लगा रही है कि सेंटर मालिक व लकी के बीच पहचान कितनी पुरानी थी, उसकी नियुक्ति किसने करवाई, नकल कराने की जिम्मेदारी उसे किसने दी व गिरफ्तार अभ्यर्थी दीपक का उससे संपर्क किस चैनल के माध्यम से हुआ।

जांच एजेंसियों को आशंका है कि यदि लकी के पीछे कोई मास्टरमाइंड या संगठित गैंग शामिल पाया गया तो पूरा परीक्षा तंत्र संदेह के घेरे में भी आ सकता है। लकी द्वारा अभ्यर्थी को ब्लूटूथ देने की घटना से शक है कि वह अन्य अभ्यर्थियों के संपर्क में भी रहा हो सकता है। हालांकि अभी यह केवल जांच के ही बिंदु हैं।

एसएसपी अजय सिंह के अनुसार, फिलहाल परीक्षा की सुचिता पर कोई बड़ा सवाल भी नहीं है। मामला सिर्फ एक अभ्यर्थी से जुड़ा है, जिसमें दो आरोपी अभी भी फरार हैं। लकी देहरादून का रहने वाला बताया गया है और उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस की टीमें भी लगा दी गई हैं।

शहर कोतवाली पुलिस ने गिरफ्तार अभ्यर्थी दीपक को मंगलवार को अदालत में पेश भी किया, जहां से उसे न्यायिक अभिरक्षा में जेल भी भेज दिया गया। परीक्षा महादेवी कन्या इंटर कॉलेज परिसर में किराये की जगह पर संचालित महादेव डिजिटल ज़ोन में आयोजित भी हो रही थी। दीपक ब्लूटूथ डिवाइस के जरिए अपने परिचित जैश से नकल कराने वाला था, जो अभी फरार ही है।

यह घटना यूकेएसएसएससी पेपर लीक कांड के बाद एक बार फिर परीक्षा केंद्रों की सुरक्षा पर गंभीर सवाल भी खड़े करती है।

महादेव डिजिटल ज़ोन को प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए आउटसोर्स के माध्यम से शुभम भटनागर ने किराये पर ही लिया है। स्थानीय प्रबंधक भगवान के अनुसार, मंगलवार सुबह 8:30 बजे परीक्षार्थियों की एंट्री भी करा दी गई थी। दीपक जांच के बाद अंदर गया और उसके पास कोई डिवाइस ही नहीं मिली। लेकिन वॉशरूम जाने के बहाने दोबारा बाहर निकलने और वापस कक्ष में आने पर तलाशी में ब्लूटूथ डिवाइस बरामद भी हुई। पूछताछ में उसने बताया कि उसे डिवाइस अस्थायी कर्मचारी लकी ने ही दी थी।

मामले में सार्वजनिक परीक्षा (अनुचित साधनों की रोकथाम) अधिनियम 2024 के तहत मुकदमा दर्ज भी किया गया है। दीपक हरियाणा के रोहतक जिले की तहसील सांपना का निवासी भी है।