भाजपा सांसद डा. नरेश बंसल ने घुसपैठियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की

भाजपा के राष्ट्रीय सह-कोषाध्यक्ष और राज्यसभा सांसद डा. नरेश बंसल ने बुधवार को सदन में एक महत्वपूर्ण देशहित का विषय शून्यकाल में उठाया। डा. बंसल ने सरकार का ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि जो लोग घुसपैठियों को भारत ला रहे हैं और उन्हें भारतीय कागजात दे रहे हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए। साथ ही, उनके गिरोह को भी गिरफ्तार किया जाए, उनका नेटवर्क ध्वस्त किया जाए, और घुसपैठियों को चिन्हित कर वापस भी भेजा जाए।

सांसद डा. नरेश बंसल ने कहा कि भारत से लगती सीमाओं पर कई घुसपैठिए, विशेषकर रोहिंग्या मुसलमान और अन्य अवैध प्रवासी, विभिन्न खुफिया मार्गों से भारत के अंदरूनी हिस्सों में प्रवेश भी कर चुके हैं और कर भी रहे हैं। उन्होंने विशेष रूप से उत्तर-पूर्व, पश्चिम बंगाल, असम, झारखंड, बिहार, उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड जैसे राज्यों का जिक्र किया, जहां ये घुसपैठिए पहुंच रहे हैं और वहां से दिल्ली, जम्मू-कश्मीर व नेपाल की सीमा तक फैल रहे हैं।

डा. बंसल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में इन घुसपैठियों की गतिविधियों को रोकने के लिए सख्ती भी बरती जा रही है, लेकिन इसके बावजूद रोहिंग्या व अन्य घुसपैठिए देश के विभिन्न हिस्सों में फैले हुए हैं और उनकी पहचान के लिए ठोस कदम उठाए जाने की आवश्यकता भी है।

उन्होंने यह भी कहा कि घुसपैठियों को भारत में अवैध रूप से प्रवेश करने के बाद विभिन्न राज्यों में सुरक्षित ठिकाने भी मिल जाते हैं और उन्हें फर्जी दस्तावेज भी दिए जाते हैं। डा. बंसल ने उदाहरण देते हुए कहा कि इन घुसपैठियों को फर्जी निर्वाचन कार्ड, राशन कार्ड, आधार कार्ड, पासपोर्ट व अन्य जरूरी दस्तावेज मुहैया कराने के लिए दलाल भी सक्रिय हैं, और इन दस्तावेजों के लिए मोटी रकम भी ली जाती है।

सांसद ने बताया कि एक पकड़े गए घुसपैठिए से मिली जानकारी के मुताबिक, निर्वाचन कार्ड के लिए 5 हजार रुपये, राशन कार्ड के लिए 10 हजार रुपये, आधार कार्ड के लिए 25 हजार रुपये, पासपोर्ट के लिए 1 लाख रुपये और नेपाल भेजने के लिए 10 हजार रुपये तक दिए जाते हैं। साथ ही, हाल ही में उत्तर प्रदेश के रायबरेली में फर्जी जन्म प्रमाण पत्र बनाने के मामले में नए खुलासे भी हुए हैं।

डा. नरेश बंसल ने सरकार से मांग की कि इस मामले पर ठोस कार्रवाई की जाए और घुसपैठियों को लाने वाले गिरोहों के खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएं। इसके साथ ही, सरकारी स्कूलों में इन घुसपैठियों की पहचान की जाए, वेरिफिकेशन अभियान चलाए जाएं, और स्वास्थ्य विभाग को निर्देश दिए जाएं कि वे घुसपैठियों के लिए जन्म प्रमाण पत्र न बनाए। यदि घुसपैठियों ने अवैध निर्माण किए हैं, तो उन्हें गिराया जाए। यह कदम देश की सुरक्षा व संप्रभुता की रक्षा के लिए अत्यंत आवश्यक भी है।