
केदारनाथ हेलिकॉप्टर हादसे पर बड़ा एक्शन: आर्यन हेली कंपनी के दो मैनेजरों पर मुकदमा दर्ज, 7 लोगों की मौत, DGCA ने सेवा की रोकी उड़ान
रुद्रप्रयाग | केदारनाथ से गुप्तकाशी लौटते समय क्रैश हुए हेलिकॉप्टर हादसे ने पूरे उत्तराखंड को ही झकझोर कर रख दिया है। गौरीकुंड के पास गौरीमाई खर्क में हुए इस भीषण हादसे में पायलट सहित 7 लोगों की भी मौत हो गई। अब इस हादसे को लेकर प्रशासन ने आर्यन हेली एविएशन कंपनी के 2 वरिष्ठ अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा भी दर्ज कर दिया है।
फाटा के राजस्व उप निरीक्षक की शिकायत पर बेस मैनेजर विकास तोमर व एकाउंटेबल मैनेजर कौशिक पाठक के खिलाफ सोनप्रयाग थाने में भारतीय दंड संहिता 2023 की धारा 105, वायुयान अधिनियम 1934 की धारा 10 के तहत मामला भी दर्ज किया गया है। अधिकारियों पर घोर लापरवाही व DGCA और UCADA के नियमों की अवहेलना का आरोप भी है।
नियमों की अनदेखी बना हादसे की वजह!
तहरीर में कहा गया कि
हेलिकॉप्टर को सुबह 6 से 7 बजे के बीच उड़ान भरने का स्लॉट दिया गया था, लेकिन कंपनी ने निर्धारित समय से पहले 5:11 बजे ही उड़ान भी शुरू कर दी। 5:24 बजे हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया। अधिकारियों के मुताबिक, आर्यन कंपनी ने SOP व उड़ान मानकों की अनदेखी की, जिसकी वजह से यह हादसा भी हुआ।
चश्मदीदों ने बताया – “कोहरा काल बनकर आया”
इस दर्दनाक हादसे की चश्मदीद शर्मिला व संजू, नेपाली मूल की दो बहनें हैं, जो घटना स्थल से महज 20 मीटर की दूरी पर ही मौजूद थीं। दोनों महिलाएं सुबह 4 बजे घोड़ा-खच्चरों के लिए घास काटने निकली थीं। उन्होंने बताया कि पहले आसमान साफ था, लेकिन जैसे ही हेलिकॉप्टर पहुंचा, अचानक घना कोहरा छा गया। हेलिकॉप्टर एक पेड़ से टकराकर धधकते हुए नीचे भी गिरा।
मृतकों में मासूम बच्ची भी शामिल
हादसे में जान गंवाने वालों में एक 23 माह की मासूम बच्ची काशी भी शामिल है, जो अपने माता-पिता के साथ दर्शन को भी आई थी।
मृतकों की सूची:
- लेफ्टिनेंट कर्नल राजवीर सिंह चौहान (पायलट) – जयपुर
- राजकुमार सुरेश जायसवाल (41) – महाराष्ट्र
- श्रद्धा सुरेश जायसवाल (35)
- काशी (23 माह)
- विक्रम सिंह रावत (46) – रुद्रप्रयाग
- विनोद देवी (66) – बिजनौर, यूपी
- तुष्टि सिंह (19) – बिजनौर, यूपी
DGCA ने की सख्त कार्रवाई, सेवाएं स्थगित
DGCA ने हादसे के बाद आर्यन हेली एविएशन की चारधाम यात्रा उड़ान सेवाएं तत्काल प्रभाव से निलंबित भी कर दी हैं। साथ ही, ट्रांस भारत एविएशन के 2 पायलटों का लाइसेंस 6 माह के लिए निलंबित कर दिया गया है, जो समान रूप से खराब मौसम में उड़ान भरते पाए गए।
सीएम धामी ने दिए सख्त निर्देश
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने घटना को बहुत दुखद बताया और कहा, “जिम्मेदारों पर सख्त कार्रवाई होगी। SOP को और मजबूत किया जाएगा और बिना अनुभव के पायलटों को उच्च हिमालयी उड़ानों में नहीं लगाया जाएगा।”
5-5 लाख मुआवजा देगी कंपनी
आर्यन हेली एविएशन के प्रबंधन ने बयान भी जारी कर कहा कि एएआईबी जांच में पूरा सहयोग दिया जाएगा और मृतकों के परिजनों को ₹5 लाख की आर्थिक सहायता भी दी जाएगी।
यह हादसा चारधाम यात्रा के हेली सेवा प्रबंधन पर भी बड़े सवाल खड़े करता है। अब सभी की निगाहें जांच रिपोर्ट व आगे की कार्रवाई पर ही टिकी हैं।