UKSSSC पेपर लीक मामला: खालिद की बहन साबिया गिरफ्तार, STF को ‘मिसिंग लिंक’ की तलाश

देहरादून ; उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) की स्नातक स्तरीय परीक्षा में पेपर लीक मामले की जांच तेज़ हो गई है। तीन प्रश्नपत्र पन्ने बाहर भेजने के सनसनीखेज प्रकरण में पुलिस ने सोमवार को मुख्य आरोपी खालिद की बहन साबिया को गिरफ्तार कर लिया है। हालांकि पुलिस ने अभी इस गिरफ्तारी की आधिकारिक पुष्टि नहीं की है, लेकिन सूत्रों के अनुसार यह गिरफ्तारी जांच में बड़ी कड़ी जोड़ सकती है।

पुलिस का दावा है कि मुख्य आरोपी खालिद के बेहद करीब पहुंच चुकी है और जल्द ही उसकी गिरफ्तारी भी हो सकती है।

‘मिसिंग लिंक’ की तलाश में STF

इस मामले में स्पेशल टास्क फोर्स (STF) अब एक ‘मिसिंग लिंक’ की तलाश कर रही है, जो हरिद्वार स्थित परीक्षा केंद्र पर खालिद का मददगार रहा है। यही व्यक्ति वह अंदरूनी स्रोत है, जिसने परीक्षा केंद्र में मोबाइल पहुंचाने में अहम भूमिका निभाई थी।

STF सूत्रों के अनुसार:

“इस एक गिरफ्तारी से पूरी साजिश की परतें खुल सकती हैं।”

हीना और प्रोफेसर सुमन पहले से पुलिस हिरासत में

पुलिस ने पहले ही खालिद की दूसरी बहन हीना और पेपर के उत्तर तैयार करने वाली सहायक प्रोफेसर सुमन को हिरासत में ले रखा है। इन दोनों से गहन पूछताछ जारी है, और इन्हीं के जरिए साबिया की भूमिका भी उजागर हुई।

SSP ने सौंपी विवेचना की जिम्मेदारी, केंद्र का किया निरीक्षण

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह ने इस संवेदनशील मामले की विवेचना की जिम्मेदारी पुलिस अधीक्षक (ग्रामीण) जया बलूनी को सौंपी है। उनके नेतृत्व में टीम ने हरिद्वार पहुंचकर आदर्श बाल सदन इंटर कॉलेज, बहादरपुर जट का गहन निरीक्षण किया।

यही वह परीक्षा केंद्र है जहां से पेपर लीक हुआ था

जांच टीम ने:

  • केंद्र के प्रधानाचार्य

  • संबंधित कक्ष निरीक्षकों

  • अन्य परीक्षा स्टाफ और गवाहों

…से विस्तृत पूछताछ की।

साइबर सेल और सर्विलांस से जुटे अहम सुराग

विवेचना टीम ने घटनास्थल के निरीक्षण, गवाहों के बयान, और साइबर व सर्विलांस डेटा के आधार पर कुछ संदिग्धों को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार:

  • मोबाइल फोन परीक्षा कक्ष तक कैसे पहुंचा,

  • पेपर की तस्वीर कब और कैसे ली गई,

  • किन माध्यमों से उसे बाहर भेजा गया,

इन सभी बिंदुओं पर तकनीकी जांच चल रही है।

क्या खालिद को मिली थी अंदर से मदद?

इस मामले में सबसे बड़ा सवाल यही है कि जब परीक्षा केंद्रों में मोबाइल प्रतिबंधित थे और सख्त जांच के बाद ही प्रवेश दिया जा रहा था, तो खालिद तक मोबाइल पहुंचा कैसे?

अब तक की जांच में यह स्पष्ट होता जा रहा है कि परीक्षा केंद्र के अंदर से किसी की मिलीभगत के बिना यह संभव नहीं था।

निष्कर्ष: पेपर लीक का ‘नेटवर्क’ सामने लाने की तैयारी

UKSSSC की परीक्षा में पेपर लीक के इस मामले ने न केवल परीक्षा व्यवस्था की गंभीर खामियों को उजागर किया है, बल्कि यह संकेत भी दिए हैं कि इसके पीछे एक संगठित गिरोह काम कर रहा था।

पुलिस की अगली चुनौती है:

  • खालिद की गिरफ्तारी

  • ‘मिसिंग लिंक’ की पहचान और गिरफ्तारी

  • परीक्षा केंद्र स्टाफ की संलिप्तता की पुष्टि

जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ रही है, इस मामले के और चौंकाने वाले खुलासे सामने आने की संभावना है।