
सचिवालय में बड़ी प्रशासनिक सर्जरी: वर्षों से जमे अफसरों का तबादला तय, नई नीति लागू
उत्तराखंड सचिवालय में वर्षों से एक ही अनुभाग व विभाग में जमे अधिकारियों की अब तैनाती की सीमा भी तय कर दी गई है। मुख्य सचिव आनंदबर्द्धन ने नई तबादला नीति को तत्काल प्रभाव से लागू करने के आदेश भी जारी कर दिए हैं। इस नीति के तहत 31 जुलाई से पहले सभी तबादले भी कर दिए जाएंगे।
2007 में बनी थी नीति, अब जाकर होगा प्रभावी क्रियान्वयन
हालांकि सचिवालय में साल 2007 में भी तबादला नीति लागू की गई थी, लेकिन उसका प्रभावी क्रियान्वयन ही नहीं हो सका था। नतीजतन, कई अनुभागों में अधिकारी वर्षों से जमे हुए हैं, जिससे प्रशासनिक पारदर्शिता व कार्य दक्षता पर भी सवाल उठते रहे हैं।
किन पदों पर लागू होगी नई नीति?
नई तबादला नीति सचिवालय सेवा संवर्ग के अंतर्गत निम्न पदों पर भी लागू होगी:
- अनुभाग अधिकारी से लेकर संयुक्त सचिव तक
- समीक्षा अधिकारी, सहायक समीक्षा अधिकारी
- कंप्यूटर सहायक।
तैनाती की समयसीमा तय
नई नीति में हर श्रेणी के अधिकारी के लिए अधिकतम तैनाती अवधि भी निर्धारित की गई है:
श्रेणी | पद | अधिकतम तैनाती अवधि |
---|---|---|
श्रेणी-क | अनुभाग अधिकारी से संयुक्त सचिव | 3 साल (एक विभाग में) |
श्रेणी-ख | अनुभाग अधिकारी | 5 साल (एक अनुभाग में) |
श्रेणी-ग | समीक्षा अधिकारी, सहायक समीक्षा अधिकारी | 5 साल (एक अनुभाग में) |
श्रेणी-ग | कंप्यूटर सहायक | 7 साल (एक अनुभाग में) |
समिति करेगी तबादलों की निगरानी
तबादलों के लिए मुख्य सचिव के अनुमोदन से एक समिति गठित भी की जाएगी। इसमें एक अध्यक्ष (अपर मुख्य सचिव/प्रमुख सचिव/सचिव), एक सदस्य सचिव (अपर सचिव सचिवालय प्रशासन) व मुख्य सचिव द्वारा नामित अधिकारी सदस्य भी होंगे।
उद्देश्य: पारदर्शिता और प्रशासनिक संतुलन
मुख्य सचिव आनंदबर्द्धन का कहना है कि
यह कदम प्रशासनिक संतुलन, जवाबदेही व पारदर्शिता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से ही उठाया गया है। वर्षों से एक ही स्थान पर जमे अधिकारी न केवल पद की गरिमा को प्रभावित करते हैं, बल्कि कार्यप्रणाली में भी एकरसता भी आ जाती है।