ओबीसी आरक्षण के लिए पंचायत एक्ट में संशोधन की तैयारी, सरकार ला सकती है अध्यादेश
देहरादून: उत्तराखंड सरकार पंचायत एक्ट में संशोधन के लिए आज मंगलवार को अध्यादेश ला सकती है। यह संशोधन ओबीसी आरक्षण को पंचायत चुनावों में लागू करने के लिए जरूरी है। सरकार को इस संबंध में गठित एकल सदस्यीय आयोग पहले ही अपनी रिपोर्ट सौंप चुका है।
संविधान और सुप्रीम कोर्ट के दिशा-निर्देशों के अनुसार, आरक्षण की सीमा 50 प्रतिशत से अधिक नहीं हो सकती। इसी आधार पर अब अनुसूचित जाति, जनजाति और अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) के आरक्षण को मिलाकर भी यह सीमा पार नहीं की जाएगी।
संशोधन की आवश्यकता क्यों?
राज्य में आगामी पंचायत चुनावों से पहले ओबीसी वर्ग को प्रतिनिधित्व देने के लिए पंचायत एक्ट में बदलाव किया जाना अनिवार्य हो गया है।
पूर्व आईएएस अधिकारी एसएस पांगती के अनुसार, सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट रूप से कहा है कि किसी भी स्थिति में 50% से अधिक पद आरक्षित नहीं किए जा सकते। हालांकि, पूर्व में कई बार राजनीतिक लाभ के लिए इस सीमा की अनदेखी की गई है।
आज शाम धामी कैबिनेट की अहम बैठक
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में आज शाम 6 बजे कैबिनेट बैठक होगी, जिसमें पंचायत एक्ट संशोधन के अलावा कई अन्य अहम प्रस्तावों पर भी चर्चा हो सकती है।
इन प्रस्तावों पर हो सकती है चर्चा:
- राज्य की महिला नीति को कैबिनेट से मंजूरी मिल सकती है।
- कृषि क्षेत्र में नई पहलें – जैसे ड्रैगन फ्रूट, कीवी और मोटे अनाज (मिलेट्स) को बढ़ावा देने की नीतियों पर निर्णय लिया जा सकता है।
- ऊधमसिंह नगर जिले की ग्राम पंचायत सिरौली कलां को नगर पंचायत का दर्जा देने का प्रस्ताव भी एजेंडे में है।
- स्ट्रीट चिल्ड्रन नीति भी बैठक में पेश की जा सकती है, जिसका उद्देश्य सड़कों पर जीवन गुजार रहे बच्चों के लिए सामाजिक और शैक्षणिक सहायता सुनिश्चित करना है।
- इसके साथ ही वेडिंग डेस्टिनेशन पॉलिसी और होम स्टे सेवायोजन नीति को भी अंतिम रूप देने पर विचार हो सकता है, जिससे पर्यटन और ग्रामीण रोजगार को बढ़ावा मिले।
पंचायत एक्ट में संशोधन और सामाजिक प्रतिनिधित्व की दिशा में यह कैबिनेट बैठक बेहद महत्वपूर्ण मानी जा रही है। साथ ही, राज्य सरकार विभिन्न नीतियों के माध्यम से कृषि, पर्यटन और सामाजिक कल्याण के क्षेत्र में बदलाव की कोशिश कर रही है।