सीएम के पूर्व ओएसडी को आखिर किसका संरक्षण प्राप्त? – गरिमा मेहरा दसौनी

उत्तराखंड की कांग्रेस नेत्री गरिमा मेहरा दसौनी ने मुख्यमंत्री के पूर्व ओएसडी पीसी उपाध्याय और उसके गैंग के खिलाफ देहरादून में दर्ज 8वें केस पर राज्य सरकार की कड़ी आलोचना की है। दसौनी ने इस मामले को लेकर गंभीर सवाल भी उठाए हैं।

दसौनी ने कहा कि पीसी उपाध्याय और सौरभ वत्स गैंग के खिलाफ देहरादून में एक और ठगी का मामला दर्ज हुआ है। यह 8वां केस है, जबकि पिछले वर्ष भी 7 मुकदमे दर्ज किए गए थे। इन आरोपियों को पूर्व में गिरफ्तार भी किया जा चुका है। गरिमा ने कहा, “सवाल यह है कि आखिर इन आरोपियों को किसका संरक्षण प्राप्त है और किसके इशारे पर उन्होंने इतने बड़े खेल को अंजाम दिया?”

कांग्रेस नेता ने यह भी सवाल उठाया कि जब पीसी उपाध्याय और उसके साथी लगातार ठगी करते रहे, तो शासन और प्रशासन मौन क्यों रहे? गरिमा ने यह भी कहा कि राज्य की लोकल इंटेलिजेंस यूनिट ने इस मामले में क्या कदम उठाए थे?

दसौनी ने राज्य सरकार की कार्यप्रणाली पर भी सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि देशभर के अध्ययनों से यह स्पष्ट होता है कि जब राज्य का मुखिया भ्रष्टाचार में लिप्त होता है, तो उसके अधीन अधिकारी भी भ्रष्टाचार में शामिल होते हैं। यदि मुखिया भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त होता, तो अधिकारी इस दिशा में कोई भी गलत कदम उठाने की कल्पना भी नहीं करते।

गरिमा ने यह भी कहा कि यह घटना राज्य की प्रतिष्ठा के लिए गंभीर मामला है और इससे समाज में एक गलत संदेश भी गया है। उन्होंने यह आरोप लगाया कि पीसी उपाध्याय के पीछे सफेद पोशों का हाथ हो सकता है।

इस मामले में 70 लाख रुपये की ठगी का आरोप है, जिसमें आरोपियों ने एक दिल्ली के कारोबारी से धोखाधड़ी की। गरिमा ने बताया कि यह गैंग विभिन्न राज्यों के कारोबारियों से करोड़ों रुपये की ठगी कर चुका है, और इसमें दिल्ली पुलिस का एक एएसआई भी शामिल है।

पीसी उपाध्याय और उसके गैंग के खिलाफ हाल ही में एक और मामला दर्ज किया गया है, जिसमें टेंडर दिलाने के नाम पर कारोबारी से 70 लाख रुपये की ठगी की गई थी। पीड़ित के आरोप अनुसार, इस गैंग ने टेंडर देने के नाम पर कई दस्तावेजों पर हस्ताक्षर भी कराए थे और बाद में सोलर स्ट्रीट लाइट सप्लाई के झांसे में और पैसे भी लिए।

गरिमा ने इस पूरे मामले की सीबीआई जांच की मांग की है और कहा कि यह राज्य सरकार की कार्यप्रणाली पर एक बड़ा सवाल खड़ा करता है। उन्होंने बीजेपी सरकार की ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति पर भी सवाल उठाए और कहा कि इसके नाम पर राज्य में बड़े-बड़े अपराध भी हो रहे हैं।