मधु गंगा पर 15 मेगावाट की मद्महेश्वर जल विद्युत परियोजना बनकर तैयार, परियोजना से 5-5 मेगावाट बिजली उत्पादन की 3 टरबाइन लगाई गई हैं
मधु गंगा पर 15 मेगावाट की मद्महेश्वर जल विद्युत परियोजना बनकर अब तैयार हो गई है। परियोजना से 5-5 मेगावाट बिजली उत्पादन की 3 टरबाइन लगाई गई हैं, जिससे पहले टरबाइन से ट्रायल के तौर पर दो दिन में 14,000 यूनिट बिजली का उत्पादन भी किया गया है।
आने वाले दिनों में तीनों टरबाइन से बिजली बननी भी शुरू हो जाएगी, जिसे यूपीसीएल की ग्रिड से जोड़ भी दिया जाएगा। अगले साल से प्रतिवर्ष 10.1 करोड़ यूनिट बिजली बनेगी। चुन्नी गांव के समीप मधु गंगा पर मद्महेश्वर जल विद्युत परियोजना का निर्माण साल 2008 में किया गया था। तब, परियोजना की लागत 208 करोड़ आंकी भी गई थी, पर जून 2013 की आपदा में परियोजना भी बुरी तरह से क्षतिग्रस्त भी हो गई थी। इसके बाद साल 2016 से परियोजना का पुन: कार्य शुरू किया गया व इसकी लागत 352 करोड़ भी आंकी गई।
अब, 15 मेगावाट की विद्युत परियोजना बनकर भी तैयार हो गई है। साथ ही बिजली उत्पादन का ट्रायल शुरू हो गया है। जिसके तहत बीते शनिवार व रविवार को क्रमश: 8000 और 6000 यूनिट बिजली उत्पादन कर यूपीसीएल के ग्रिड पर भी भेजी गई है। इस सप्ताह में अन्य 2 टरबाइन से भी बिजली उत्पादन भी शुरू हो जाएगा व परियोजना से व्यवसायिक प्रक्रिया के तहत उत्पादन शुरू होने पर यूपीसीएल से अनुबंध के तहत उत्तराखंड जल विद्युत निगम को धनराशि मिलनी भी शुरू हो जाएगी।
इस विद्युत परियोजना का सबसे अधिक लाभ जनपद रुद्रप्रयाग के कालीमठ घाटी, मद्महेश्वर घाटी, तुंगनाथ घाटी व कालीमठ घाटी के 200 से अधिक गांवों को भी मिलेगा। इस परियोजना से पैदा होने वाली बिजली से गांवों में लो-वोल्टेज, अनियमित रोस्टिंग से निजात के साथ ही 24 घंटे बिजली सप्लाई भी मिलती रहेगी।
मद्महेश्वर जल विद्युत परियोजना से उत्पादित बिजली उत्पादन को पिडकुल से प्रस्तावित 220 किलोवाट रुद्रपुर सब स्टेशन से ही जोड़ा जाएगा। पर, पिछले लंबे समय से भूमि विवाद के कारण, सब स्टेशन का कार्य शुरू ही नहीं हो पाया है। रुद्रपुर गांव की सीमा से खंदूखाल तक बिजली लाइन बिछाने का काम भी पूरा हो चुका है।
परियोजना की मशीनों से परीक्षण भी शुरू हो गया है। पहली टरबाइन से 2 दिन में 14,000 यूनिट बिजली उत्पादन भी किया जा चुका है। शीघ्र ही परियोजना से व्यवसायिक स्तर पर विद्युत उत्पादन शुरू कर यूपीसीएल की ग्रीड से भी जोड़ दिया जाएगा। इस परियोजना के निर्माण से विद्युत आपूर्ति में वृहद स्तर पर सुधार भी होगा। -डॉ. संदीप सिंघल, प्रबंध निदेशक उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड