हरिद्वार लोकसभा सीट…जब प्रत्याशियों को ना चुन 6,281 मतदाताओं ने नोटा को ही चुना

लोकसभा चुनाव के मतदान की तिथि नजदीक आती ही जा रही है व मतदाताओं का उत्साह भी लगातार बढ़ रहा है। लाखों मतदाता अपने पसंदीदा प्रत्याशी के पक्ष में वोट भी करेंगे, लेकिन हजारों ऐसे मतदाता भी हैं जो प्रत्याशियों को न चुनकर नोटा अर्थात उपरोक्त में से किसी को भी नहीं चुनते हैं।

 

पिछले चुनाव में हरिद्वार लोकसभा क्षेत्र में 6,281 वोटरों ने नोटा को वोट भी दिया व प्रत्याशियों को नकार भी दिया। वर्ष 2009 में चुनाव आयोग ने सुप्रीम कोर्ट से नोटा का विकल्प उपलब्ध कराने संबंधी अपनी मंशा से अवगत भी कराया था। बाद में नागरिक अधिकार संगठन पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज ने भी नोटा के समर्थन में एक जनहित याचिका भी दायर की थी।

 

इस पर वर्ष 2013 को न्यायालय ने मतदाताओं को नोटा का विकल्प देने का निर्णय भी किया था। हालांकि, बाद में चुनाव आयोग ने स्पष्ट किया कि नोटा के मत गिने तो जाएंगे पर इसे रद्द मतों की श्रेणी में ही रखा जाएगा। इस तरह से स्पष्ट ही था कि इसका चुनाव के नतीजों पर कोई भी असर नहीं पड़ेगा। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में हरिद्वार में 6,281 मतदाताओं ने नोटा का विकल्प को चुनकर प्रत्याशियों को नापसंद किया।

 

नैनीताल, ऊधमसिंह नगर में 10,608 नोटा का बटन दबाया था।

अल्मोड़ा में 15,505 नोटा का बटन दबाया था।

पौड़ी गढ़वाल में 12,276 नोटा का बटन दबाया था।

टिहरी गढ़वाल में मतदाताओं ने 6,276 नोटा के बटन को दबाया था।

टिहरी गढ़वाल सीट पर सबसे कम 6,276 ने नोटा बटन का इस्तेमाल ही किया था। 5 संसदीय सीटों की बात करें तो 50,946 मतदाताओं ने नोटा को दबाया था।