रामनगर के पास हाईवे पर जब बाघ ने एक महिला पर हमला किया तो वहीं बगल में घास काट रही तारा देवी अपनी बहन को बचाने के लिए बाघ से भिड़ गई

रामनगर के पास हाईवे पर जब बाघ ने एक महिला पर हमला किया तो वहीं बगल में घास काट रही तारा देवी अपनी बहन को बचाने के लिए बाघ से ही भिड़ गई। उसने बाघ पर लकड़ी से वार भी किया तो बाघ उसकी ओर हमला करने की ओर चला, लेकिन हल्ला-गुल्ला होने की वजह से बाघ कोसी नदी की ओर ही चला गया। इसपर दोनों महिलाओं की जान भी बच गई।

 

बाघ के हमले में घायल लीला देवी (40) की बहन तारा देवी ने बताया कि वह गांव की ही सरस्वती देवी के साथ घास काटने हाईवे किनारे में पहुंची थी। आमडंडा खत्ता और रिंगौड़ा खत्ता के बीच उनका मकान है, वन ग्राम होने के चलते बिजली और ईंधन की व्यवस्था नहीं है। ऐसे में उन्हें ईंधन के लिए लकड़ी व पशुओं के लिए चारा काटने के आना पड़ता है। बीते शुक्रवार शाम करीब 6 बजे हाईवे किनारे घास काट रहीं थी तभी बाघ ने लीला देवी पर हमला भी कर दिया। तारा देवी ने बताया कि जब बाघ ने लीला पर हमला किया तो जान खतरे में देख उसने पास में पड़ी लकड़ी से बाघ पर प्रहार भी कर दिया। लकड़ी मारते ही बाघ उसकी ओर बढ़ा लेकिन हाईवे पर भीड़ व शोर शराबा होने से बाघ नदी की ओर चला गया।

 

बाघ के हमले के बाद हाईवे पर राहगीर एकत्र हो गए जिससे जाम भी लग गया। वन कर्मियों ने राहगीरों को हाईवे से हटाया व जाम को खुलवाया। तारा देवी ने बताया कि घायल महिला के 4 बच्चे है, अभी सभी अविवाहित भी हैं। घायल महिला के पति कामदेव की मृत्यु कई वर्ष पहले हो चुकी है।

 

कॉर्बेट पार्क के वार्डन अमित ग्वासीकोटी, बिजरानी रेंजर भानु प्रकाश हर्बाेला और कोसी रेंजर शेखर तिवाड़ी सहित अन्य वनाधिकारियों का काफिला वहां से गुजर भी रहा था। बाघ के हमले की जानकारी मिलते ही उन्होंने गाड़ी को रोक लिया। बिजरानी रेंजर ने महिला को तत्काल अपनी गाड़ी से रामनगर अस्पताल पहुंचाया। अस्पताल में महिला का उपचार भी किया जा रहा है। बाघ के हमले में महिला के सीने और गर्दन पर चोट आईं है। जिस स्थान पर हमला हुआ वह स्थान रामनगर वन प्रभाग क्षेत्र के कोसी रेंज के अंतर्गत ही आता है।

 

रामनगर वन प्रभाग के कोसी रेंजर शेखर तिवाड़ी ने बताया कि हमला होने के बाद क्षेत्र में लगातार वन कर्मियों की गश्त भी की जा रही है। हाईवे पर किसी को रूकने से मना भी किया जा रहा है। कॉर्बेट पार्क के कर्मियों के साथ कोसी रेंज के वन कर्मी भी वही गश्त कर रहे हैं।