पिथौरागढ़ दौरे के दौरान यदि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नजरें इनायत की तो आदि कैलाश क्षेत्र की 7 चोटियों पर पर्वतारोहण की उम्मीदों को पंख लग सकते हैं ।

पिथौरागढ़ दौरे के दौरान यदि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नजरें इनायत की तो आदि कैलाश क्षेत्र की 7 चोटियों पर पर्वतारोहण की उम्मीदों को पंख लग सकते हैं । इससे जहां साहसिक पर्यटन को उड़ान मिलेगी वहीं सीमांत के लोगों को रोजगार भी मिलेगा । स्थानीय पर्वतारोही लंबे समय से व्यास घाटी की चोटियों पर पर्वतारोहण की अनुमति मांग रहे हैं।

 

उत्तराखंड राज्य के ओपन पीक्स की लिस्ट में नाम शामिल नहीं होने से पर्वतारोही इन चोटियों को फतह नहीं कर पा रहे हैं । प्रधानमंत्री मोदी के आगमन पर इन चोटियों पर पर्वतारोहण की अनुमति मिलने की उम्मीद जगी है । व्यास घाटी में साहसिक और धार्मिक पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं इस घाटी में पर्वतारोहण के लिए सिर्फ आदि कैलाश चोटी उत्तराखंड राज्य के ओपन पीक्स की लिस्ट में है । इसी रेंज में 7 ऐसी चोटियां हैं जो पर्वतारोहण के लिए मुफीद हैं । इन्हीं चोटियों को ओपन पीक्स में भी शामिल करने की मांग है ।

 

इन 7 चोटियों पर पर्वतारोहण की अनुमति

  • इशान पीक (आदि कैलाश-2)
  • ब्रहमा पर्वत
  • चिपेदं पर्वत
  • पांडव पर्वत
  • निखुर्च किला
  • राजे जू (हॉर्स पीक)
  • कुंती पर्वत

व्यास घाटी की 7 चोटियों को ओपन पीक्स में शामिल करने की मांग मुख्यमंत्री धामी से की गई है । अब इस मांग को मुख्यमंत्री के समक्ष भी रखेंगे । – शीतल, तेनजिंग नॉर्गे नेशनल एडवेंचर अवॉर्ड विजेता

प्रधानमंत्री मोदी ने अनुमति दे दी तो सीमांत क्षेत्र में साहसिक, धार्मिक पर्यटन बढ़ेगा और लोगों की आर्थिकी मजबूत होगी । वाइब्रेंट विलेज की कल्पना साकार होगी ।  - योगेश गर्ब्याल